Iran-Israel Conflict: मध्य पूर्व में हालात लगातार विस्फोटक होते जा रहे हैं. इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष में अब अमेरिका भी सैन्य रूप से शामिल हो चुका है. हाल ही में अमेरिका ने अपने B-2 बॉम्बर विमानों से ईरान की तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स नतांज, फोर्डो और इस्फहान पर हमला किया. यह कार्रवाई संकेत देती है कि यह संघर्ष अब सीमित नहीं रहने वाला. लेकिन इस सैन्य घटनाक्रम के बीच एक और बड़ी खबर ने दुनिया का ध्यान खींचा है. ईरान ने इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी करने के आरोप में एक व्यक्ति को फांसी दे दी है.
मजीद मोसायबी को फांसी
ईरान की न्यायिक वेबसाइट ‘मिजान ऑनलाइन’ के मुताबिक, जिस व्यक्ति को फांसी दी गई उसका नाम मजीद मोसायबी था. उस पर आरोप था कि उसने संवेदनशील जानकारियां इजरायल को सौंपने की कोशिश की थी. ईरान की सर्वोच्च अदालत ने भी उसकी फांसी की सजा को बरकरार रखा. यह फांसी ऐसे समय में दी गई है जब ईरान लगातार उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है जिन्हें वह विदेशी जासूसी नेटवर्क से जुड़ा मानता है.
ईरान में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां
ईरान की पुलिस ने बताया कि 13 जून को इजरायली हमले के बाद से अब तक 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन पर मोसाद से जुड़ाव, जनता में भय फैलाने और अपराधी शासन का समर्थन करने जैसे आरोप हैं. ये गिरफ्तारियां कुम प्रांत में की गईं. इसके अलावा 24 और लोगों को बीते गुरुवार को हिरासत में लिया गया, जिन पर ईरान की छवि खराब करने और इजरायली शासन के लिए जासूसी करने का आरोप है. एक यूरोपीय नागरिक को भी पकड़ा गया है, लेकिन उसकी पहचान सार्वजनिक नहीं की गई.
ईरान की सख्ती
ईरान ने हाल के महीनों में कई लोगों को मोसाद से कथित संपर्क के चलते गिरफ्तार किया है. कुछ मामलों में मौत की सजा भी सुनाई गई है. नॉर्वे स्थित संस्था 'ईरान ह्यूमन राइट्स' का कहना है कि अब तक कम से कम 223 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं अधिक हो सकता है.
भारत के लिए भी चुनौतीपूर्ण स्थिति
भारत, जो ईरान और इजरायल दोनों का रणनीतिक साझेदार है, इस बढ़ते तनाव से चिंतित है. चाबहार पोर्ट और IMEC कॉरिडोर जैसे बहुपक्षीय प्रोजेक्ट्स में दोनों देशों की भागीदारी है. ऐसे में इन दो देशों के बीच बिगड़ते रिश्ते भारत के क्षेत्रीय हितों और वैश्विक स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं.
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