ईरान की अधिकारियों ने नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी को गिरफ्तार कर लिया है. उनके समर्थकों ने शुक्रवार को यह जानकारी साझा की. मोहम्मदी के फाउंडेशन के बयान के अनुसार, उन्हें तेहरान से लगभग 680 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित मशहद में हिरासत में लिया गया है. गिरफ्तारी उस समय हुई जब वह एक मानवाधिकार वकील के लिए आयोजित शोक सभा में शामिल हो रही थीं, जिनकी हाल ही में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी.
खबरों के मुताबिक, स्थानीय अधिकारियों ने गिरफ्तारी की बात स्वीकार की है, हालांकि 53 वर्षीय मोहम्मदी का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया गया. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें तुरंत जेल भेजा जाएगा या किसी अन्य स्थान पर हिरासत में रखा जाएगा.
महीनों पहले ही चेतावनी मिल चुकी थी
मोहम्मदी के समर्थक महीनों से आगाह कर रहे थे कि दिसंबर 2024 में चिकित्सा कारणों से मिली तीन सप्ताह की परोल के बाद उन्हें दोबारा जेल भेजे जाने का खतरा है. हालांकि, विभिन्न दबाव- विशेषकर पश्चिमी देशों और मानवाधिकार समूहों के कारण उनकी रिहाई की अवधि बढ़ी. इसी बीच, जून में ईरान और इज़राइल के बीच हुए 12 दिवसीय संघर्ष के दौरान भी मोहम्मदी रिहा थीं.
मोहम्मदी ने हमेशा सार्वजनिक प्रदर्शनों और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के माध्यम से अपनी सक्रियता जारी रखी. उन्होंने एक बार तेहरान की कुख्यात एविन जेल के बाहर प्रदर्शन भी किया था, जहां उन्हें पहले रखा गया था.
गिरफ्तारी और विरोध
उनके समर्थकों ने शुक्रवार को बताया कि सुरक्षा बलों ने मोहम्मदी को हिंसक तरीके से हिरासत में लिया. नरगिस फाउंडेशन ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि, “हम उन सभी व्यक्तियों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं जो शोक सभा में शामिल होकर सम्मान और एकजुटता व्यक्त कर रहे थे. यह गिरफ्तारी मौलिक स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन है.”
वीडियो में दिखाई गई गतिविधियां
मोहम्मदी का एक वीडियो फुटेज भी जारी किया गया है, जिसमें वह हिजाब नहीं पहनकर भीड़ को संबोधित करती दिखाई देती हैं. इस दौरान उन्होंने मजीदरेजा रहनवार्ड का नाम बुलवाया, जिन्हें 2022 में सार्वजनिक रूप से फांसी दी गई थी.
سخنرانی نرگس محمدی در کنار جواد علیکردی برادر #خسرو_علیکردی
— Ellie Omidvari (@ElhamOmidvari) December 12, 2025
وی دقایقی پس از این توسط ماموران علی خامنهای دستگیر شد. pic.twitter.com/agYhGFa3yv
फाउंडेशन ने इस वीडियो को जारी कर कहा कि मोहम्मदी ने बड़ी संख्या में लोगों के सामने अपनी बात रखी और शोक सभा में शामिल लोगों के लिए समर्थन व्यक्त किया.
ईरानी सरकारी मीडिया ने मशहद के गवर्नर हसन हुसैनी के हवाले से बताया कि अभियोजकों ने कार्यक्रम में नियम तोड़ने वाले नारे लगाने के कारण कई लोगों को अस्थायी हिरासत में लेने का आदेश दिया.
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