राष्ट्रपति पर हमले की कोशिश और इजरायली फाइटर जेट की विफलता सामने आई; ईरान-इजरायल टकराव के बाद बड़े खुलासे

    पश्चिम एशिया में बीते महीने ईरान और इजरायल के बीच चले 12 दिनों के सैन्य संघर्ष के बाद जब हालात शांत हुए, तो अब उस युद्ध से जुड़ी कई चौंकाने वाली जानकारियाँ बाहर आ रही हैं. ये खुलासे क्षेत्र में एक बार फिर तनाव की लहर पैदा कर सकते हैं.

    Iran and Israel War netanyahu sends f15 to kill president pezeshkian
    Image Source: Social Media

    पश्चिम एशिया में बीते महीने ईरान और इजरायल के बीच चले 12 दिनों के सैन्य संघर्ष के बाद जब हालात शांत हुए, तो अब उस युद्ध से जुड़ी कई चौंकाने वाली जानकारियाँ बाहर आ रही हैं. ये खुलासे क्षेत्र में एक बार फिर तनाव की लहर पैदा कर सकते हैं.

    ईरानी राष्ट्रपति पर हमले की कोशिश

    ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 15 जून को तेहरान में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेसेश्कियन, संसद अध्यक्ष और न्यायपालिका प्रमुख को निशाना बनाकर एक घातक हमला किया गया था. बताया जा रहा है कि यह हमला उस समय किया गया, जब ये शीर्ष नेता देश की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की गोपनीय बैठक में मौजूद थे. हमले में राष्ट्रपति पेसेश्कियन को पैर में मामूली चोटें आईं, जबकि अन्य नेता आपातकालीन रास्तों से सुरक्षित निकल गए.

    ईरान की फार्स न्यूज एजेंसी के अनुसार, इस हमले में छह मिसाइलों या विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया था. लक्ष्य था बैठक स्थल की सभी एंट्री और एग्जिट प्वाइंट को ब्लॉक करना. हालांकि सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता के चलते जानमाल की बड़ी हानि टाली जा सकी.

    क्या था अंदरूनी लीक का मामला?

    सबसे अहम सवाल यह उठ रहा है कि इजरायल को इस अति-गोपनीय बैठक की जानकारी कैसे मिली? क्या ईरानी सरकार के किसी उच्चस्तरीय पद पर बैठा व्यक्ति इजरायल को सूचनाएं भेज रहा था? ईरान की सुरक्षा एजेंसियां अब इस संदिग्ध लीक की जांच में जुट गई हैं. राष्ट्रपति पेसेश्कियन ने एक अमेरिकी पत्रकार टकर कार्लसन को दिए इंटरव्यू में इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा, “उन्होंने कोशिश की थी... लेकिन नाकाम रहे.” इजरायली सरकार की ओर से इस पर कोई बयान नहीं आया है.

    इजरायली वायुसेना की तकनीकी चुनौती

    इस पूरे घटनाक्रम में एक और महत्वपूर्ण मामला सामने आया है जो इजरायली वायुसेना से जुड़ा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑपरेशन के दौरान इजरायल का एक F-15 फाइटर जेट ईरानी सीमा में दाखिल होते ही तकनीकी खराबी का शिकार हो गया. फ्यूल टैंक में आई खराबी के चलते विमान का नियंत्रण खतरे में पड़ गया और उसे तत्काल लैंडिंग की नौबत आ गई.

    हालांकि मिशन कंट्रोल को जैसे ही पायलट ने इमरजेंसी सिग्नल भेजा, एक वैकल्पिक ईंधन भरने वाला विमान भेजा गया जिसने समय पर पहुंचकर संकट को टाल दिया. रिपोर्ट के अनुसार, अगर कुछ और मिनट की देरी होती, तो इजरायली विमान को किसी पड़ोसी देश में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ती. हालांकि, उस देश का नाम गोपनीय रखा गया है.

    क्या फिर भड़केगा टकराव?

    इन ताजा खुलासों ने इस सवाल को फिर जिंदा कर दिया है कि क्या यह संघर्ष वाकई थम गया है या यह एक अस्थायी विराम है? क्षेत्रीय विशेषज्ञों का मानना है कि इन घटनाओं से मिडिल ईस्ट में पहले से मौजूद अस्थिरता और भी गहराने की आशंका है.

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