हिमाचल प्रदेश के नए DGP बन सकते हैं IPS श्याम भगत नेगी, गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी

    हिमाचल प्रदेश में पुलिस महानिदेशक (DGP) के पद को लेकर चल रही चर्चाओं पर अब विराम लगता दिख रहा है. केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी श्याम भगत नेगी का नाम लगभग तय माना जा रहा है.

    IPS Shyam Bhagat Negi will become Himachal Pradesh New DGP
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    Himachal Pradesh New DGP: हिमाचल प्रदेश में पुलिस महानिदेशक (DGP) के पद को लेकर चल रही चर्चाओं पर अब विराम लगता दिख रहा है. केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी श्याम भगत नेगी का नाम लगभग तय माना जा रहा है. उनका पुलिस प्रमुख बनना सिर्फ औपचारिक घोषणा भर रह गया है.

    कौन हैं श्याम भगत नेगी?

    1990 बैच के आईपीएस अधिकारी श्याम भगत नेगी वर्तमान में केंद्र सरकार के अधीन कैबिनेट सचिवालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर कार्यरत थे. मूल रूप से हिमाचल के किन्नौर जिले से ताल्लुक रखने वाले नेगी, न सिर्फ राज्य की भौगोलिक जटिलताओं को भलीभांति समझते हैं, बल्कि केंद्र में लंबे अनुभव के चलते प्रशासनिक मामलों में भी उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है.

    केंद्र ने दी वापसी की अनुमति

    गृह मंत्रालय ने श्याम भगत नेगी को उनके मूल राज्य हिमाचल प्रदेश में वापस भेजने की अनुमति दे दी है. कैबिनेट की नियुक्ति समिति के सचिव मनीष सक्सेना ने इस बाबत पत्र जारी करते हुए कहा कि नेगी को “व्यक्तिगत आधार” पर उनके कैडर में लौटने की अनुमति दी गई है. इससे यह लगभग तय हो गया है कि नेगी ही हिमाचल के अगले डीजीपी होंगे.

    अब मिलेगी स्थायी नियुक्ति

    पुलिस महानिदेशक का पद 31 मई 2025 से खाली है, जब डॉ. अतुल वर्मा सेवानिवृत्त हुए थे. तब से 1993 बैच के अशोक तिवारी इस पद का कार्यभार संभाल रहे थे. हालांकि वे भी दावेदारी में थे, लेकिन नेगी की वरिष्ठता और खुफिया विभागों में अनुभव ने उन्हें सबसे मजबूत दावेदार बना दिया.

    चयन की प्रक्रिया में सबसे आगे निकले नेगी

    राज्य सरकार के पास भेजे गए तीन नामों के पैनल में श्याम भगत नेगी, अनुराग गर्ग (1990 बैच), और राकेश अग्रवाल (1994 बैच) शामिल थे. इन तीनों में से नेगी का नाम सबसे ऊपर रखा गया है, जो इस बात का संकेत है कि सरकार उनके नाम को लेकर सहमत है. आईपीएस श्याम भगत नेगी का कार्यकाल भी एक अहम पहलू है. वे 31 मार्च 2026 को रिटायर होंगे, यानी उन्हें एक वर्ष से अधिक समय तक राज्य की कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी निभाने का अवसर मिलेगा.

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