'अगर पाकिस्तान की धरती से फिर आतंकी हमला हुआ तो...' भारतीय सेना ने बताया क्या होगा अंजाम?

    भारतीय सेना की पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी), लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने एक सख्त और स्पष्ट संदेश दिया है.

    Indian army told what will happen to Pakistan
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    चंडीगढ़: भारतीय सेना की पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी), लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने एक सख्त और स्पष्ट संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान या उसके द्वारा समर्थित आतंकी समूह भविष्य में भारत की सरज़मीं पर किसी भी तरह की आतंकी कार्रवाई करने की कोशिश करते हैं, तो भारत का जवाब पहले से कहीं अधिक सख्त और निर्णायक होगा.

    यह बयान उन्होंने वर्ष 1965 के भारत-पाक युद्ध की हीरक जयंती (60वीं वर्षगांठ) के उपलक्ष्य में पंचकूला में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में दिया. यह अवसर भारतीय सेना के साहस और बलिदान को याद करने का था, लेकिन साथ ही यह मौका भविष्य की तैयारी और कड़े संदेश देने का भी बन गया.

    ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ कार्रवाई नहीं, तैयारी भी है

    लेफ्टिनेंट जनरल कटियार ने बताया कि "ऑपरेशन सिंदूर" केवल एक सैन्य ऑपरेशन नहीं है, बल्कि यह एक बड़ी रणनीतिक योजना का हिस्सा है, जिसका मकसद पाकिस्तान की किसी भी शत्रुतापूर्ण मंशा का जवाब देने के लिए भारतीय सेना की पूरी तैयारियों को दर्शाना है.

    उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर हमारी ताकत और तत्परता का प्रतीक है. यह दिखाता है कि भारत अब हर स्थिति के लिए तैयार है. अगर दुश्मन दोबारा कोई गलती करता है, तो उसे पहले से कई गुना कठोर प्रतिक्रिया झेलनी होगी."

    सीज़फायर के बाद भी हमारी निगाहें हर हरकत पर

    भारत और पाकिस्तान के बीच मई में संघर्षविराम लागू हुआ था, जिसके बाद से सीमावर्ती इलाकों में अपेक्षाकृत शांति बनी हुई है. इस पर बोलते हुए कटियार ने कहा, "सीज़फायर लागू है और ज़मीनी हालात शांत हैं. लेकिन हमें इस बात का यकीन नहीं कि यह शांति स्थायी है. पाकिस्तान की पुरानी नीतियों को देखते हुए हमें हर समय सतर्क रहना होता है."

    उन्होंने आगे कहा कि भारत की रणनीति अब "सिर्फ प्रतिक्रिया देने" की नहीं, बल्कि "सक्रिय और निर्णायक कार्यवाही" की है.

    भारत की सांप्रदायिक एकता को तोड़ने की कोशिश

    पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल कटियार ने गहरी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि यह हमला सिर्फ निर्दोषों को मारने के लिए नहीं था, बल्कि इसके पीछे एक बड़ी साजिश थी- देश में सांप्रदायिक तनाव भड़काने और माहौल को खराब करने की.

    "हम जानते हैं कि इस हमले की योजना में निहित उद्देश्य सिर्फ खून बहाना नहीं था, बल्कि भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि को चोट पहुँचाना भी था. हमारे पड़ोसी देश की नीति हमेशा से भारत में विभाजन पैदा करने की रही है, लेकिन हम इस चाल को अच्छी तरह समझते हैं."

    आतंक के हर चेहरे को बेनकाब किया जाएगा

    भारतीय सेना लगातार जम्मू-कश्मीर और पंजाब सहित सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा बढ़ा रही है. हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के तहत कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया है और बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है. यह ऑपरेशन आतंक के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है.

    कटियार ने कहा, "जो भी ताकत भारत की शांति और अखंडता को चुनौती देगी, उसे जवाब मिलेगा वो भी ऐसा जवाब जो उसे वर्षों तक याद रहेगा. सेना के जवान दिन-रात सीमा पर खड़े हैं और किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं."

    "हमला हुआ तो हम चुप नहीं बैठेंगे"

    लेफ्टिनेंट जनरल कटियार ने साफ शब्दों में कहा कि अगर भारत की सीमाओं को लांघने की कोशिश की गई या आतंकियों ने नागरिकों को निशाना बनाया, तो जवाब की तीव्रता पहले से कई गुना ज़्यादा होगी. “हमारा धैर्य हमारी कमजोरी नहीं है. हम शांति चाहते हैं, लेकिन कायर नहीं हैं.”

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