नई दिल्ली: भारत की रक्षा तैयारियों में एक अहम तकनीकी उपलब्धि के रूप में नागास्त्र-1R का नाम तेजी से उभर रहा है. यह स्वदेशी रूप से विकसित एक लोइटरिंग म्यूनिशन UAV (Unmanned Aerial Vehicle) है, जिसे ‘सुसाइड ड्रोन’ या ‘कामिकेज ड्रोन’ के रूप में जाना जा सकता है. भारतीय सेना ने इसकी सामरिक क्षमता को मान्यता देते हुए कुल 450 यूनिट्स का ऑर्डर दिया है, जिनमें से 120 पहले ही आपूर्ति किए जा चुके हैं.
इस प्रणाली का विकास नागपुर स्थित सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (EEL) द्वारा किया गया है. मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत यह एक महत्वपूर्ण रक्षा तकनीक है, जो भारतीय सेना को सीमावर्ती और शत्रु-नियंत्रित क्षेत्रों में ‘ऑफ-शोल्डर स्ट्राइक कैपेबिलिटी’ प्रदान करती है.