दिल्ली में आयोजित सुरक्षा और सामरिक नीति से जुड़े प्रतिष्ठित कार्यक्रम चाणक्य डायलॉग में भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने क्षेत्रीय सुरक्षा पर बात करते हुए पाकिस्तान को अप्रत्यक्ष लेकिन बेहद सख्त चेतावनी दी. अपने संबोधन में उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भारत किसी भी प्रकार के दबाव, धमकी या ब्लैकमेल के आगे झुकने वाला नहीं है.
सेना प्रमुख ने कहा कि हाल ही में किए गए ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना की क्षमता का सिर्फ एक छोटा हिस्सा ही दिखाया गया था. उन्होंने कहा, "यह केवल ट्रेलर था, फिल्म तो अभी शुरू भी नहीं हुई है." उनका कहना था कि सेना किसी भी संभावित परिस्थिति के लिए तैयार है और देश की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा.
पानी और खून साथ नहीं बह सकते
जनरल द्विवेदी ने अपने संबोधन में आतंकवाद को भारत की सबसे गंभीर सुरक्षा चुनौतियों में से एक बताया. उन्होंने कहा कि जब कोई पड़ोसी देश “राज्य प्रायोजित आतंकवाद” को बढ़ावा देता है, तो यह संवाद और शांति बातचीत की राह में सबसे बड़ा अवरोध बन जाता है.
उन्होंने कहा, "पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते. बातचीत और आतंकवाद एक साथ चलना संभव ही नहीं है."
उनके अनुसार, जब तक सीमा पार से आतंकवाद को संरक्षित या प्रोत्साहित किया जाएगा, तब तक किसी भी तरह की सार्थक शांति प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती.
लाल किले के पास धमाके के बाद जांच में तेजी
दिल्ली में लाल किले के निकट हुए धमाके की जांच भी तेजी पकड़ चुकी है. इस मामले की पड़ताल को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने संभाल लिया है. जाँच एजेंसी ने अल फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जावेद अहमद सिद्दिकी को दो बार समन जारी किए हैं.
पुलिस द्वारा विश्वविद्यालय के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं और जांच से जुड़े कई पहलुओं की समीक्षा जारी है. अधिकारियों का कहना है कि विस्फोट की प्रकृति, उद्देश्य और संबंधित व्यक्तियों से संभावित संबंधों को गंभीरता से परखा जा रहा है.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का सख्त रुख
इसी बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस भी सुर्खियों में हैं. तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया था कि राजभवन परिसर में हथियार और गोला-बारूद का वितरण हो रहा है. आरोपों को गंभीर मानते हुए राज्यपाल ने सुरक्षा की व्यक्तिगत समीक्षा करने का निर्णय लिया है.
सूत्रों के अनुसार, वे राजभवन परिसर की सुरक्षा व्यवस्था का दोबारा निरीक्षण कर सकते हैं और सम्भव है कि यह जांच सीआरपीएफ अधिकारियों की मौजूदगी में की जाए. राज्यपाल ने कहा है कि किसी भी सुरक्षा खतरे या अवैध गतिविधि से संबंधित शिकायत को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाएगा.
भारत हर चुनौती का जवाब देने में सक्षम
कार्यक्रम के दौरान जनरल द्विवेदी ने यह भी बताया कि भारतीय सेना आधुनिक युद्धक परिस्थितियों के लिए खुद को लगातार बेहतर कर रही है. सीमा सुरक्षा, आतंकवाद-निरोध, साइबर युद्ध जैसी नई चुनौतियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सेना अपनी प्रतिबद्धता, प्रशिक्षण और तकनीकी क्षमता के दम पर किसी भी खतरे का जवाब देने में सक्षम है.
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