भारत बना रहा है अगली पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट, इस दोस्त की मदद से बनेगा इंजन, जानें AMCA की ताकत

    भारत अब जल्द ही उन देशों की सूची में शामिल होने जा रहा है जो पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान खुद बना सकते हैं.

    India will make AMCA engine with the help of France
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ ANI

    भारत अब जल्द ही उन देशों की सूची में शामिल होने जा रहा है जो पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान खुद बना सकते हैं. अमेरिका, रूस और चीन पहले ही इस क्षेत्र में मजबूत स्थिति बना चुके हैं, और अब भारत ने AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) परियोजना के तहत बड़ी छलांग लगाई है. यह प्रोजेक्ट न केवल देश की रक्षा आत्मनिर्भरता को नई ऊंचाई देगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की सैन्य क्षमताओं का लोहा मनवाएगा.

    इस जंगी विमान की खास बात यह होगी कि इसमें स्वदेशी रूप से विकसित एक हाई-थ्रस्ट टर्बोफैन इंजन लगाया जाएगा, जिसे भारत की DRDO और फ्रांस की एयरो इंजन निर्माता कंपनी Safran मिलकर विकसित करेंगे.

    क्या है AMCA और क्यों है यह खास?

    AMCA (एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) भारत का एक महत्वाकांक्षी स्टील्थ लड़ाकू विमान प्रोजेक्ट है, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) के निर्देशन में विकसित किया जा रहा है. यह विमान पूरी तरह से भारतीय तकनीक पर आधारित होगा और इसे ‘फुल स्टील्थ कैपेबिलिटी’, सुपरक्रूज, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और नेटवर्क-सेंट्रिक ऑपरेशंस जैसी आधुनिक क्षमताओं से लैस किया जाएगा.

    • पहले चरण में: यह विमान 120 किलो न्यूटन (kN) थ्रस्ट वाले इंजन पर आधारित होगा.
    • भविष्य में: इंजन की क्षमता को बढ़ाकर 140 kN तक किया जा सकता है.

    इंजन होगा असली गेमचेंजर

    भारत का अब तक का सबसे बड़ा चैलेंज फाइटर जेट इंजन का आत्मनिर्माण रहा है. इंजन डिजाइन की तकनीक दुनिया के चंद देशों अमेरिका, रूस और चीन के पास ही है. लेकिन अब भारत इस कमी को दूर करने के लिए फ्रांस के साथ मिलकर एक नई पीढ़ी का टर्बोफैन इंजन बना रहा है.

    Safran का सहयोग:

    फ्रांसीसी कंपनी Safran भारत को न केवल इंजन विकसित करने में मदद करेगी, बल्कि सबसे अहम तकनीक- क्रिस्टल ब्लेड टेक्नोलॉजी भी भारत को ट्रांसफर करेगी. इस सहयोग में भारत को मिलेगा:

    • पूर्ण IPR (Intellectual Property Rights)
    • डिज़ाइन से लेकर मैन्युफैक्चरिंग तक की पूरी तकनीकी जानकारी
    • मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही इंजन का निर्माण

    यह साझेदारी 2035 तक भारत को पूरी तरह से स्वदेशी फाइटर जेट इंजन विकसित करने में सक्षम बना देगी.

    ADVENT टेक्नोलॉजी: भविष्य की उड़ान

    भारत जिस इंजन को विकसित कर रहा है, वह अमेरिका की अत्याधुनिक ADVENT (Adaptive Versatile Engine Technology) जैसी तकनीक से प्रेरित है. इसका मतलब है कि यह इंजन:

    • डिजिटल रूप से नियंत्रित होगा
    • उड़ान की जरूरतों के मुताबिक खुद को एडजस्ट करेगा
    • अधिक थ्रस्ट और फ्यूल एफिशिएंसी दोनों में बैलेंस बनाएगा
    • उच्च तापमान (लगभग 2100 केल्विन) सहने की क्षमता रखेगा

    यह तकनीक छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के लिए मानक बन रही है, और भारत भी उसी दिशा में कदम बढ़ा रहा है.

    अमेरिका के F-47 से प्रेरणा

    अमेरिका वर्तमान में F-47 नामक अगली पीढ़ी के फाइटर प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, जिसे बोइंग कंपनी विकसित कर रही है. इसमें भी ADVENT जैसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है. भारत का AMCA इस दिशा में स्वदेशी विकल्प के रूप में उभर रहा है.

    अमेरिका में Pratt & Whitney और General Electric जैसी कंपनियां इस टेक्नोलॉजी के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं. भारत में DRDO और Safran की यह साझेदारी भारत को उसी लीग में ले जा सकती है.

    चीन और रूस की स्थिति

    चीन ने WS-10 और अब WS-15 जैसे फाइटर इंजन बनाए हैं, लेकिन इन पर लगातार तकनीकी आलोचनाएं होती रही हैं, खासकर विश्वसनीयता और परफॉर्मेंस को लेकर.

    रूस के पास AL-41 और Saturn 30 जैसे इंजन हैं, लेकिन वैश्विक प्रतिबंधों और सप्लाई चेन संकटों के कारण उसकी तकनीक भी रुकावटों का सामना कर रही है.

    भारत की यह कोशिश उसे न केवल इन देशों के समकक्ष लाएगी, बल्कि दीर्घकाल में एक इंजन निर्यातक देश भी बना सकती है.

    AMCA का रोडमैप: क्या है योजना?

    • प्रारंभिक डिजाइन और डेवलपमेंट पूरा हो चुका है.
    • पहले चरण में 9 प्रोटोटाइप बनाए जाएंगे.
    • 2028-2030 के बीच AMCA के पहले संस्करण के उड़ान भरने की संभावना है.
    • 2035 तक भारत का खुद का इंजन कार्यरत होगा.

    AMCA को दो चरणों में विकसित किया जाएगा:

    • मार्क-1: विदेशी इंजन (शुरुआती उड़ानों के लिए)
    • मार्क-2: पूरी तरह से स्वदेशी इंजन और तकनीक

    भारत का यह कदम न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि इसकी वजह से पड़ोसी देश पाकिस्तान की भी चिंता बढ़ना तय है. पाकिस्तान अब भी मुख्य रूप से चीन पर निर्भर है, और JF-17 जैसे विमानों की तुलना AMCA जैसे फिफ्थ जेनरेशन फाइटर से करना असंभव है.

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