हवाई जंग में और ताकतवर बना भारत, SU-30 फाइटर जेट से किया 'अस्त्र' मिसाइल का सफल परीक्षण, जानें ताकत

    भारत ने एक बार फिर आकाश में अपनी ताकत का परचम लहराया है. स्वदेशी तकनीक से बनी बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) ‘अस्त्र’ का सफल परीक्षण ओडिशा तट से किया गया.

    India successfully test fired Astra missile from SU-30 fighter jet
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    नई दिल्ली: भारत ने एक बार फिर आकाश में अपनी ताकत का परचम लहराया है. स्वदेशी तकनीक से बनी बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) ‘अस्त्र’ का सफल परीक्षण ओडिशा तट से किया गया. इसे सुखोई-30 MKI लड़ाकू विमान से दागा गया और मिसाइल ने दोनों बार अपने लक्ष्य को बिल्कुल सटीकता से तबाह कर दिया.

    इस परीक्षण ने न केवल भारत की मिसाइल टेक्नोलॉजी को मजबूती दी है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि भारत अब एयर कॉम्बैट सिस्टम में भी आत्मनिर्भर होता जा रहा है.

    ‘अस्त्र’ की मारक क्षमता और खासियत

    • मिसाइल में लगा स्वदेशी रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर इसे खास बनाता है, जिसे DRDO ने भारत में ही डिजाइन और विकसित किया है.
    • ‘अस्त्र’ 100 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक दुश्मन को निशाना बना सकती है.
    • इसमें एडवांस गाइडेंस और नेविगेशन सिस्टम है, जिससे यह बेहद तेज़ और सटीक वार करने में सक्षम है.

    परीक्षण के दौरान अस्त्र ने दो अलग-अलग टारगेट्स को अलग दिशा और दूरी से ढूंढकर निशाना बनाया और दोनों बार परफेक्ट हिट!

    ट्रायल में क्या हुआ खास?

    ओडिशा के तटीय इलाके में मौजूद चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) में हुए इस मिशन में हर सिस्टम ने शानदार प्रदर्शन किया. खासतौर पर स्वदेशी सीकर की परफॉर्मेंस ने तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की बड़ी छलांग को दर्शाया.

    ट्रैकिंग सिस्टम्स ने फ्लाइट डेटा को रिकॉर्ड किया और पुष्टि की कि दोनों मिसाइलों ने अपने लक्ष्य को सटीकता से नष्ट किया.

    50 से अधिक कंपनियों की मेहनत

    इस अत्याधुनिक अस्त्र मिसाइल को तैयार करने में DRDO की कई लैब्स के साथ-साथ Hindustan Aeronautics Limited (HAL) और 50 से अधिक सार्वजनिक-निजी क्षेत्र की कंपनियों का योगदान रहा है. यह सहयोग Make in India रक्षा पहल का एक बेहतरीन उदाहरण है.

    रक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO, वायुसेना और इस प्रोजेक्ट से जुड़ी सभी इंडस्ट्रीज को इस सफलता के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि, "स्वदेशी सीकर के साथ अस्त्र मिसाइल का यह सफल परीक्षण भारत की रक्षा तकनीक को एक नई ऊंचाई पर ले गया है. यह आत्मनिर्भर भारत की उड़ान है."

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