आर्थिक मोर्चे पर भी दिखा भारत-पाकिस्तान सीजफायर का असर, सेंसेक्स और निफ्टी में जबरदस्त उछाल; निवेशकों को राहत

    भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में घोषित सीजफायर का असर अब आर्थिक मोर्चे पर भी दिखाई देने लगा है. सप्ताह की शुरुआत भारतीय शेयर बाजार के लिए काफी सकारात्मक रही.

    India-Pakistan ceasefire Sensex Nifty
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में घोषित सीजफायर का असर अब आर्थिक मोर्चे पर भी दिखाई देने लगा है. सप्ताह की शुरुआत भारतीय शेयर बाजार के लिए काफी सकारात्मक रही. 12 मई को बाजार खुलते ही सेंसेक्स में 2243 अंकों की जोरदार उछाल देखी गई, जो कि 2.82% की बढ़त को दर्शाता है. वहीं, निफ्टी भी पीछे नहीं रहा और इसमें 681 अंकों यानी 2.83% की मजबूती दर्ज की गई. बीते सप्ताह हुए घाटे की भरपाई निवेशकों को आज के कारोबार में मिली राहत से होती नजर आई.

    गौरतलब है कि पिछले सप्ताह भारत-पाक तनाव के चलते शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. सेंसेक्स में 880 अंक यानी 1.10% और निफ्टी में 265 अंक की गिरावट दर्ज की गई थी. पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारत की एयर स्ट्राइक से दोनों देशों के बीच माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया था. इस अस्थिरता ने बाजार में भी डर का माहौल पैदा कर दिया था, लेकिन 10 मई को दोनों देशों द्वारा सीजफायर की घोषणा के बाद अब बाजार ने स्थिरता की ओर रुख किया है.

    कौन-कौन से शेयर रहे टॉप गेनर्स

    सेंसेक्स में शामिल 30 में से 29 कंपनियों के शेयर हरे निशान में कारोबार करते नजर आए. सबसे अधिक उछाल Axis Bank के शेयर में देखा गया जो 3.72% चढ़ा. इसके अलावा बजाज फाइनेंस, Adani Ports, NTPC और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे दिग्गज शेयरों ने भी निवेशकों को बेहतर रिटर्न दिया. केवल एक शेयर — सन फार्मा — लाल निशान में बंद हुआ.

    वहीं निफ्टी की बात करें तो 50 में से 12 शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली. लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड का शेयर 4.17% की बढ़त के साथ टॉप गेनर बना. इसके अलावा टाइटन, टाटा मोटर्स, हीरो मोटोकॉर्प, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और SBI के शेयरों में भी मजबूती देखी गई.

    क्या यह स्थिरता लंबे समय तक बनी रहेगी?

    बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यदि दोनों देशों के बीच तनाव कम होता रहा और वैश्विक स्तर पर सकारात्मक संकेत मिलते रहे तो बाजार में यह सकारात्मक रुख आगे भी जारी रह सकता है. हालांकि, निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है क्योंकि जियोपॉलिटिकल फैक्टर अब भी पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं.

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