नई दिल्ली: हाल ही में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर द्वारा परमाणु हमले की ओर इशारा करते हुए दिए गए बयान ने क्षेत्रीय तनाव को फिर से चर्चा में ला दिया है. हालांकि, भारत लंबे समय से 'नो फर्स्ट यूज़' (NFU) की नीति पर अमल करता आ रहा है और किसी भी प्रकार की सैन्य उकसावे की स्थिति में संतुलित लेकिन प्रभावशाली जवाब देने में सक्षम है.
भारत की रक्षा नीति मुख्यतः प्रतिरोध और रणनीतिक संतुलन पर आधारित है. इसके लिए भारत के पास कुछ ऐसे आधुनिक और प्रभावशाली हथियार हैं, जो किसी भी संभावित खतरे से निपटने की पूरी क्षमता रखते हैं. यहां भारत के पांच प्रमुख रक्षा संसाधनों पर एक नजर डालते हैं:
1. अग्नि-5 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM)
अग्नि-5 मिसाइल भारत की सबसे लंबी दूरी की मिसाइल है, जो इंटरकॉन्टिनेंटल रेंज को कवर करती है. यह मिसाइल भारत की रणनीतिक प्रतिरोध क्षमता का अहम हिस्सा है.
2. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल
ब्रह्मोस को दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलों में से एक माना जाता है. इसकी उच्च सटीकता और गति इसे सामरिक लक्ष्यों को तेजी से नष्ट करने में बेहद कारगर बनाती है.
3. प्रलय टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल
प्रलय मिसाइल को सीमावर्ती क्षेत्रों में त्वरित और निर्णायक रणनीतिक हमले के लिए डिजाइन किया गया है. यह मिसाइल पारंपरिक और परमाणु, दोनों प्रकार के वॉरहेड ले जाने में सक्षम है.
4. राफेल मल्टीरोल फाइटर जेट
राफेल लड़ाकू विमान भारत की वायुसेना की मारक और रणनीतिक क्षमता को नई ऊंचाई देता है. इसमें एडवांस्ड रडार, स्टील्थ डिज़ाइन और लंबी दूरी की स्कैल्प और मेटियोर मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं.
5. सुखोई-30MKI फाइटर जेट
सुखोई-30MKI भारतीय वायुसेना की रीढ़ की हड्डी माना जाता है. यह ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें ले जाने की क्षमता रखता है और जटिल हवाई अभियानों को अंजाम देने में सक्षम है.
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