जिन पैसों पर इतरा रहा था पाकिस्तान, उन्हीं के बोझ तले दबना होगा! IMF ने सामने रखी 11 शर्तें

    पाकिस्तान की डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने जो राहत की डोर थामी थी, अब उसी पर कड़ी शर्तों की गांठें कस दी गई हैं. हाल ही में जारी स्टाफ-लेवल रिपोर्ट में IMF ने पाकिस्तान के लिए 11 नई शर्तें लागू की हैं, जिनके बिना अगली कर्ज़ किस्त जारी नहीं की जाएगी.

    IMF 11 new condition in front of pakistan
    Image Source: ANI

    इस्लामाबाद: पाकिस्तान की डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने जो राहत की डोर थामी थी, अब उसी पर कड़ी शर्तों की गांठें कस दी गई हैं. हाल ही में जारी स्टाफ-लेवल रिपोर्ट में IMF ने पाकिस्तान के लिए 11 नई शर्तें लागू की हैं, जिनके बिना अगली कर्ज़ किस्त जारी नहीं की जाएगी. रिपोर्ट में IMF ने पाकिस्तान की वित्तीय नीतियों में पारदर्शिता, राजकोषीय संतुलन, और सुधारों की दिशा में ठोस कदम उठाने की बात दोहराई है.

    साथ ही IMF ने भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव को भी आर्थिक स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बताया है. खास तौर पर 22 अप्रैल 2025 को हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद बिगड़े हालात को रिपोर्ट में उल्लेखनीय चिंता का विषय माना गया है.

    पाकिस्तान के लिए IMF की 11 नई सख्त शर्तें

    • 17,600 अरब रुपये का संघीय बजट संसद से पा रित कराना अनिवार्य.
    • बिजली बिलों पर अतिरिक्त अधिभार, जिससे उपभोक्ताओं पर ऋण पुनर्भुगतान का अधिक भार पड़ेगा.
    • पुरानी कारों के आयात पर से प्रतिबंध हटाना, जिससे व्यापार गतिविधियों को बढ़ावा मिले.
    • नया कृषि आयकर कानून लागू करना, जिसमें टैक्सपेयर्स की पहचान, रिटर्न प्रोसेसिंग और अनुपालन शामिल होंगे.
    • सभी सुधारों की समयसीमा जून 2025 तक निर्धारित.
    • संचालन सुधारों की कार्य योजना को सार्वजनिक करना.
    • 2027 के बाद की वित्तीय रणनीति को तैयार कर प्रकाशित करना.
    • ऊर्जा क्षेत्र में 4 विशेष सुधार, जिनमें टैरिफ निर्धारण, वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और दक्षता शामिल है.
    • संघीय और प्रांतीय कर समन्वय सुधारों को तेज़ी से लागू करना.
    • वित्तीय पारदर्शिता के मानकों को IMF दिशा-निर्देशों के अनुरूप लाना.
    • संचार और जनजागरूकता अभियानों के माध्यम से कर प्रणाली में विश्वास बढ़ाना.

    भारत-पाक तनाव बना आर्थिक बाधा


    IMF की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहा तनाव, विशेषकर 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसी घटनाएं, पाकिस्तान की राजकोषीय योजना, बाह्य खातों और आर्थिक सुधार कार्यक्रमों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं. IMF ने ऐसे हालात को आर्थिक नीतियों के लिए "भारी जोखिम" बताया है.

    बढ़ते रक्षा खर्च पर भी IMF की नाराज़गी


    रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सरकार का रक्षा बजट 2025-26 के लिए 2,414 अरब रुपये प्रस्तावित है, जो पिछले वर्ष से 12% अधिक है. लेकिन सूत्रों के अनुसार सरकार इसे बढ़ाकर 2,500 अरब रुपये (18% वृद्धि) करने की तैयारी में है. IMF का मानना है कि यह रक्षा खर्च वित्तीय अनुशासन के विपरीत है और इससे कर्ज चुकाने की क्षमता पर भी असर पड़ेगा.

    अब तक 50 शर्तों के बोझ तले दबा पाकिस्तान


    नई 11 शर्तों को जोड़ने के बाद, पाकिस्तान पर IMF की कुल 50 आर्थिक शर्तें लागू हो चुकी हैं. ये केवल कर्ज पुनर्भुगतान की शर्तें नहीं हैं, बल्कि नीतिगत सुधार, संस्थागत पारदर्शिता और शासन में जवाबदेही की मांग को भी दर्शाती हैं. IMF अब यह स्पष्ट कर चुका है कि मात्र राहत पैकेज नहीं, बल्कि जमीनी बदलाव ही पाकिस्तान को आर्थिक संकट से उबार सकते हैं.
     

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