पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने उपमहाद्वीप में चिंता की लहर दौड़ा दी है. जैसे-जैसे दोनों देशों ने कड़े कदम उठाए हैं, वैसे-वैसे सोशल मीडिया से लेकर आम जनजीवन तक, परमाणु युद्ध की आशंका गहरी होती जा रही है. लोग सवाल कर रहे हैं कि अगर जंग छिड़ी तो क्या परमाणु हथियारों का इस्तेमाल होगा? और अगर ऐसा हुआ तो परिणाम कितने भयावह होंगे?
भारत और पाकिस्तान का रिश्ता हमेशा से ही संघर्ष और अविश्वास से भरा रहा है. कश्मीर विवाद, सीमा संघर्ष और आतंकवाद जैसे मुद्दों ने दोनों देशों के बीच एक स्थायी तनाव बनाए रखा है. लेकिन इस बार स्थिति अधिक गंभीर दिखाई दे रही है. भारत ने सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया है, जिसे पाकिस्तान ने "युद्ध की घोषणा" जैसा करार दिया है.
परमाणु हथियारों का संतुलन
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की 2024 रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास करीब 172 और पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार हैं. यानी दोनों देशों के पास इतनी क्षमता है कि एक-दूसरे को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं.
पाक के इन 10 शहरों पर परमाणु गिरने का खतरा ज्यादा
युद्ध होने पर भारत पाकिस्तान के 10 प्रमुख शहरों लाहौर, इस्लामाबाद, करांची, फैसलाबाद, रावलपिंडी, हैदराबाद, गुजरांवाला, मुल्तान, पेशावर और क्वेटा पर बम गिरा सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर परमाणु हमला हुआ तो पाकिस्तान की प्राथमिक नजर भारत के बड़े शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु पर होगी. मुंबई भारत की आर्थिक धड़कन है, दिल्ली राजनीतिक राजधानी है और बेंगलुरु तकनीकी व सैन्य अनुसंधान का केंद्र.
परमाणु हमले के भयावह परिणाम
अगर दोनों देशों के बीच परमाणु हथियारों का इस्तेमाल हुआ, तो केवल तत्काल मौत और विनाश ही नहीं होगा, बल्कि दीर्घकालिक असर भी बेहद भयावह होगा. रेडिएशन का खतरा, खाद्य संकट, आर्थिक तबाही और सामाजिक अराजकता पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में ले सकती है. हिरोशिमा और नागासाकी के उदाहरण आज भी मानवता को चेतावनी देते हैं कि परमाणु युद्ध में कोई विजेता नहीं होता.
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