मानसून की दस्तक जहां राहत की फुहारें लाता है, वहीं कई छुपे खतरों को भी साथ लाता है. खेत-खलिहानों, गीली मिट्टी और झाड़ियों के बीच रहने वाले सांप इस मौसम में अक्सर इंसानों के करीब आ जाते हैं. ऐसे में सांप के काटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं, जिनमें हर साल सैकड़ों लोगों की जान चली जाती है. लेकिन क्या हो अगर हम आपको बताएं कि एक आम सी दिखने वाली बेल आपके जीवन की रक्षक बन सकती है?
ज़हरीले डंक का रामबाण इलाज
जी हां, हम बात कर रहे हैं ककोड़ा (जिसे कंकरोल, कंटोला या स्पाइनी चार्ड भी कहा जाता है) की. यह कांटेदार लौकी जैसी दिखने वाली बेल उत्तर भारत के गांवों में आमतौर पर झाड़ियों के बीच उगती है. इसे आपने सब्जी के रूप में जरूर खाया होगा, लेकिन इसके औषधीय गुणों से शायद आप अब तक अनजान होंगे. आयुर्वेद के अनुसार, ककोड़ा की पत्तियां और जड़ें इतनी असरदार होती हैं कि सांप के काटने पर यह जहर को शरीर में फैलने से रोक सकती हैं.

क्या है एक्सपर्ट्स की राय?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ककोड़ा की पत्तियों या जड़ का रस, या इनसे बना पेस्ट तुरंत इस्तेमाल किया जाए, तो यह जहर के प्रभाव को 5 मिनट में बेअसर कर सकता है. मल्लिगे कॉलेज ऑफ फार्मेसी के डॉ. कुंतल दास के अनुसार, ककोड़ा की जड़ लंबे समय से विषनाशक के रूप में प्रयोग की जाती रही है. खास बात यह है कि यह पौधा न सिर्फ सांप, बल्कि अन्य जहरीले जीव-जंतुओं के जहर में भी प्रभावी होता है.

ककोड़ा की यह औषधीय क्षमता अब वैज्ञानिक रूप से भी मान्यता पा रही है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट में बताया गया है कि इसका पेस्ट त्वचा पर लगाना और पत्तियों का रस पीना दोनों ही तरीकों से राहत मिल सकती है. इसलिए अगली बार जब आप खेत में, जंगल में या गांव की गलियों में इस पौधे को देखें, तो इसे नजरअंदाज न करें. यह मामूली सा पौधा आपकी या किसी और की जान बचाने का जरिया बन सकता है.
इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी आम धारणा पर आधारित है. भारत 24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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