ईरान के सामने कैसे चित्त हुआ इजराइल का आयरन डोम? राजधानी तेल अवीव पर खूब बरस रहीं मिसाइलें

    Iran and Israel War: पश्चिम एशिया में उभरते संघर्ष ने एक नया मोड़ ले लिया है. पहली बार दशकों में इजरायल की राजधानी तेल अवीव पर इस हद तक तबाही देखने को मिली है, जब ईरान की ओर से दागी गई मिसाइलों ने शहर के कई हिस्सों को मलबे में तब्दील कर दिया.

    How Iran and Israel breached and attacked on tel aviv
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    Iran and Israel War: पश्चिम एशिया में उभरते संघर्ष ने एक नया मोड़ ले लिया है. पहली बार दशकों में इजरायल की राजधानी तेल अवीव पर इस हद तक तबाही देखने को मिली है, जब ईरान की ओर से दागी गई मिसाइलों ने शहर के कई हिस्सों को मलबे में तब्दील कर दिया. शुक्रवार और रविवार को हुए मिसाइल हमलों में न सिर्फ सैन्य ठिकाने प्रभावित हुए, बल्कि आम नागरिकों को भी जान गंवानी पड़ी. इस हमले ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.  क्या इजरायल का आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम अब अचूक नहीं रहा?

    बलिस्टिक मिसाइलें बनीं बड़ी चुनौती

    विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान की यह कामयाबी उसके बलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम की वजह से है. अमेरिकी रक्षा रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान के पास 3000 से अधिक बलिस्टिक मिसाइलों का जखीरा है, जिनमें से कई को हाल ही में अपग्रेड किया गया है. बलिस्टिक मिसाइलों की एक खासियत होती है. अत्यधिक गति और बार-बार दिशा बदलने की क्षमता, जिससे इन्हें ट्रैक करना और इंटरसेप्ट करना बेहद मुश्किल हो जाता है. ईरान ने 200 से ज्यादा मिसाइलें एक साथ दागीं, जिससे इजरायल के डिफेंस सिस्टम को ओवरलोड कर दिया गया और कुछ मिसाइलें तेल अवीव तक पहुंचने में सफल रहीं.

    क्यों फेल हो गया आयरन डोम?

    आयरन डोम अब तक छोटे रॉकेट और ड्रोन्स को इंटरसेप्ट करने में सफल रहा है. लेकिन बलिस्टिक मिसाइलें एक अलग श्रेणी की चुनौती हैं. ये मिसाइलें हाइपरसोनिक गति से आती हैं. इनके रास्ते में परिवर्तन अचानक होता है. इनका हमला बहुस्तरीय और समवर्ती (simultaneous) होता है. इसी वजह से जब एकसाथ सैकड़ों मिसाइलें दागी गईं, तो कुछ ने इजरायली शहरों में तबाही मचाई, जिनमें तेल अवीव की बहुमंजिला इमारतें ढह गईं और दर्जनों लोग घायल हो गए.

    ईरान की मिसाइलों की क्षमता कितनी घातक?

    ईरान की मिसाइल रेंज ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है. फतेह-1 मिसाइल: 1400 किमी की रेंज. इमाद मिसाइल: 1700 किमी तक सटीक वार करने की क्षमता. इसका मतलब है कि ईरान अपने ही देश की सीमा से इजरायल के किसी भी कोने पर वार कर सकता है. यह रणनीतिक बढ़त उसे क्षेत्रीय शक्ति संघर्ष में एक मजबूत खिलाड़ी बनाती है. ईरान के सरकारी मीडिया के मुताबिक, उसके पास कम से कम 9 प्रकार की मिसाइलें हैं, जो इजरायल को निशाना बना सकती हैं. अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि इन हमलों में किस-किस मिसाइल का प्रयोग किया गया, लेकिन फतेह और इमाद जैसी मिसाइलों का नाम चर्चा में है.

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