भारत के एक राज्य जितना बड़ा है कतर, फिर कैसे बन गया अरब का ताकतवर देश, क्यों होती है इतनी चर्चा?

    जब हम वैश्विक ताकतों की बात करते हैं, तो आमतौर पर बड़े क्षेत्रफल और विशाल आबादी वाले देशों का नाम पहले आता है.

    How did Qatar become a powerful Arab country
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ Social Media

    जब हम वैश्विक ताकतों की बात करते हैं, तो आमतौर पर बड़े क्षेत्रफल और विशाल आबादी वाले देशों का नाम पहले आता है. लेकिन कुछ देश अपनी रणनीतिक स्थिति, प्राकृतिक संसाधनों और चतुर आर्थिक नीतियों के दम पर दुनिया के नक्शे पर असाधारण जगह बना लेते हैं. कतर (Qatar) एक ऐसा ही देश है.

    क्षेत्रफल के लिहाज़ से कतर भारत के एक छोटे राज्य त्रिपुरा जितना बड़ा है, लगभग 11,571 वर्ग किलोमीटर, जबकि त्रिपुरा का क्षेत्रफल 10,486 वर्ग किलोमीटर है. लेकिन जहां त्रिपुरा विकास के रास्ते पर धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है, वहीं कतर आज विश्व के सबसे अमीर, प्रभावशाली और ऊर्जावान देशों में गिना जाता है.

    कुल जनसंख्या मात्र 28 लाख और GDP करीब 200 अरब डॉलर के पार, आखिर क्या वजह है कि कतर इतना अमीर और प्रभावशाली बन गया? आइए विस्तार से समझते हैं कतर की इस जबरदस्त आर्थिक और रणनीतिक सफलता की कहानी.

    1. लोकेशन ही है सबसे बड़ा हथियार

    कतर की भौगोलिक स्थिति इसकी सबसे बड़ी ताकत मानी जाती है. यह देश फारस की खाड़ी में स्थित है, जो दुनिया के तेल और गैस ट्रांसपोर्टेशन के सबसे अहम रूट्स में से एक है. खासतौर से Hormuz Strait (हॉर्मुज़ की खाड़ी) के बेहद पास होने की वजह से कतर को रणनीतिक रूप से अत्यधिक लाभ मिलता है.

    यह रास्ता दुनिया के 20% तेल और प्राकृतिक गैस के परिवहन के लिए जिम्मेदार है. ऐसे में इस क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए अमेरिका, यूरोप और एशिया के देशों को कतर की जरूरत पड़ती है और यह उसे भू-राजनीतिक ताकत बना देता है.

    2. गैस का समंदर: कतर का असली खजाना

    कतर के पास विश्व के तीसरे सबसे बड़े प्राकृतिक गैस भंडार हैं. इसके पास अनुमानित 891 ट्रिलियन क्यूबिक फीट गैस है. ये भंडार इतने बड़े हैं कि कतर दुनिया के कुल गैस रिजर्व का लगभग 13% अकेले रखता है.

    इसके नॉर्थ फील्ड गैस प्रोजेक्ट को दुनिया का सबसे बड़ा गैस फील्ड माना जाता है, जो कतर के पूर्वोत्तर तट के पास स्थित है. इस क्षेत्र में अकेले 6,000 वर्ग किमी में फैला गैस का भंडार है. मौजूदा दर पर खपत को देखें तो कतर लगभग 600 वर्षों तक गैस सप्लाई कर सकता है. यह उसे वैश्विक ऊर्जा बाज़ार में बेहद शक्तिशाली बनाता है.

    3. दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा LNG निर्यातक

    कतर Liquefied Natural Gas (LNG) का दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है. अपने कुल गैस उत्पादन का लगभग 75% वह एक्सपोर्ट कर देता है. इससे उसे सालाना अरबों डॉलर की कमाई होती है.

    कतर की LNG 40 से अधिक देशों में जाती है, जिनमें जापान, भारत, चीन, दक्षिण कोरिया, यूके, जर्मनी, और इटली जैसे देश शामिल हैं. यह ऊर्जा कूटनीति का एक बेहतरीन उदाहरण है, जहाँ एक छोटा सा देश अपनी ऊर्जा संपदा के बल पर वैश्विक साझेदारी तय करता है.

    4. तेल और गैस से 85% सरकारी आमदनी

    भले ही कतर के पास तेल भंडार सीमित हैं- लगभग 25.2 बिलियन बैरल जो विश्व का केवल 1.5% है, लेकिन तेल और गैस मिलाकर यह देश अपनी 85% सरकारी आय इन्हीं प्राकृतिक संसाधनों से प्राप्त करता है.

    यह भारी भरकम राजस्व न केवल अर्थव्यवस्था को मज़बूत करता है, बल्कि सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और विदेश नीति में बड़े पैमाने पर निवेश करने में सक्षम बनाता है.

    5. प्रति व्यक्ति आय में दुनिया के टॉप देशों में

    कतर की प्रति व्यक्ति GDP लगभग 60,000 से 70,000 अमेरिकी डॉलर के बीच है, जो कि दुनिया में सबसे अधिक मानी जाती है.

    1970 के दशक में जब वैश्विक तेल संकट ने तेल की कीमतें आसमान पर पहुंचा दी थीं, उस समय कतर ने इस मौके का भरपूर फायदा उठाया. उस दशक में कतर की प्रति व्यक्ति GDP में 1,156% की बढ़ोतरी हुई जो विश्व रिकॉर्ड है. उस एक दशक ने कतर को गरीबी से निकालकर अरबपतियों की कतार में ला खड़ा किया.

    6. टूरिज्म और ब्रांडिंग पर फोकस

    कतर ने केवल ऊर्जा पर निर्भर रहने के बजाय विविधीकरण (Diversification) की नीति अपनाई. उसने अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा पर्यटन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, खेल, और संस्कृति में लगाया.

    2022 FIFA World Cup की मेजबानी कर कतर ने खुद को वैश्विक मंच पर पेश किया.

    Formula 1 Grand Prix, Qatar Tennis Open, Pro Cycling Championships जैसी स्पोर्ट्स इवेंट्स की मेजबानी कर देश ने खेल कूटनीति का शानदार उदाहरण पेश किया.

    लुसैल सिटी, म्यूजियम ऑफ इस्लामिक आर्ट, और Katara Cultural Village जैसे टूरिज़्म और कल्चरल प्रोजेक्ट्स ने कतर को पर्यटन का नया केंद्र बना दिया.

    अब कतर 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए भी बोली लगाने की तैयारी कर रहा है.

    7. मध्यस्थता में स्पेशलिस्ट

    कतर ने खुद को न्यूट्रल और डिप्लोमैटिक प्लेयर के रूप में स्थापित किया है. उसने कई अंतरराष्ट्रीय संघर्षों में मध्यस्थ की भूमिका निभाई है, जिससे उसकी साख और रणनीतिक उपयोगिता बढ़ी है.

    इजराइल-हमास संघर्ष में कतर ने हमास नेताओं को राजनीतिक शरण दी, और संघर्ष विराम के लिए मध्यस्थता की पेशकश की.

    रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान नवंबर 2024 में कतर ने बच्चों की वापसी के लिए मध्यस्थता की सफल भूमिका निभाई.

    कतर में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य बेस (Al Udeid Air Base) भी स्थित है, जो इसे पश्चिमी देशों के लिए एक अहम रणनीतिक भागीदार बनाता है.

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