नई दिल्ली: भारत सरकार ने सुरक्षा तैयारियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से बुधवार, 7 मई को देश के 244 चिन्हित क्षेत्रों में व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित करने की घोषणा की है. यह अभ्यास संभावित युद्ध जैसी आपात स्थितियों में नागरिकों को सुरक्षा उपायों से अवगत कराने के लिए किया जा रहा है.
सिविल डिफेंस जिलों में होगा अभ्यास
गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, जिन क्षेत्रों में मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है, उन्हें “सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट” के रूप में वर्गीकृत किया गया है. ये ज़िले आम प्रशासनिक ज़िलों से भिन्न हैं और इनका निर्धारण सुरक्षा संवेदनशीलता के आधार पर किया गया है.
भारत में कुल 259 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट हैं, जिनमें से 244 जिलों में इस बार अभ्यास होगा.
तीन श्रेणियों में वर्गीकरण
गृह मंत्रालय ने इन जिलों को उनकी संवेदनशीलता के आधार पर तीन श्रेणियों में बांटा है:
कैटेगरी 1 (अत्यंत संवेदनशील): 13 जिले
उदाहरण: उत्तर प्रदेश का बुलंदशहर, जहाँ नरौरा न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थित है.
कैटेगरी 2 (मध्यम संवेदनशीलता): 201 जिले
कैटेगरी 3 (न्यूनतम संवेदनशीलता): 45 जिले
इनमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य शामिल हैं.
गृह मंत्रालय की बैठक
इस विषय में मंगलवार को गृह मंत्रालय में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें सभी राज्यों के मुख्य सचिवों, सिविल डिफेंस अधिकारियों और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया. बैठक में मॉक ड्रिल की रूपरेखा और समन्वय की रणनीति पर चर्चा की गई.
नागरिकों के लिए दिशा-निर्देश
सरकार ने नागरिकों को आपातकाल की स्थिति में खुद को सुरक्षित रखने के लिए कुछ बुनियादी सुझाव दिए हैं:
प्रशिक्षण का उद्देश्य
यह अभ्यास नागरिकों को यह सिखाने के लिए किया जा रहा है कि किसी भी प्रकार के आकस्मिक हमले या आपदा की स्थिति में कैसे:
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