दुनिया भर में कई ऐसी रहस्यमयी जगहें हैं, जिनके बारे में अभी तक वैज्ञानिकों के पास कोई स्पष्ट उत्तर नहीं है. ऐसी ही एक रहस्यमयी और ऐतिहासिक गुफा भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित पिथौरागढ़ जिले में पाई जाती है, जिसका नाम है पाताल भुवनेश्वर गुफा. यह गुफा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके अंदर एक अद्भुत और चमत्कारी रहस्य भी छिपा हुआ है, जिसे आज तक कोई नहीं सुलझा सका है. आइए, जानें इस गुफा के बारे में विस्तार से.
इतिहास और मान्यता
पाताल भुवनेश्वर गुफा का इतिहास बहुत पुराना और रहस्यमयी है. कहा जाता है कि इस गुफा की खोज सूर्यवंशी राजा ऋतुपर्णा ने त्रेतायुग में की थी, जो अयोध्या के शासक थे. राजा ऋतुपर्णा के साथ नागों के राजा अधिशेष भी थे, जिन्होंने उन्हें इस गुफा तक मार्गदर्शन दिया. मान्यता के अनुसार, इस गुफा में भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं के दर्शन हुए थे.
इस गुफा की कोई चर्चा नहीं हुई, लेकिन बाद में द्वापर युग में पांडवों ने इस गुफा को पुनः खोजा और यहाँ भगवान शिव की पूजा की. स्कंदपुराण में यह भी उल्लेख किया गया है कि पाताल भुवनेश्वर गुफा में भगवान शिव निवास करते हैं और वहां सभी देवी-देवता उनकी पूजा करने के लिए आते हैं.
गुफा के अंदर छिपे अद्भुत रहस्य
पाताल भुवनेश्वर गुफा के अंदर प्रवेश करने के लिए बहुत ही संकरे और पतले रास्ते से गुजरना पड़ता है. गुफा के भीतर कुछ ऐसे चमत्कारी और अद्भुत तत्व पाए जाते हैं, जिनकी वजह से यह गुफा रहस्यमयी मानी जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस गुफा के चार दरवाजे हैं – रणद्वार, पापद्वार, धर्मद्वार, और मोक्षद्वार. इन दरवाजों का अपना-अपना महत्व है. कहा जाता है कि जब रावण की मृत्यु हुई, तो पापद्वार बंद हो गया, और महाभारत युद्ध के बाद रणद्वार भी बंद हो गया था.
इस गुफा में भगवान गणेश का कटा सिर भी मौजूद है, जिसे आदिगणेश के रूप में पूजा जाता है. इसके अलावा, गुफा में चार खंभे भी हैं, जो युगों के प्रतीक हैं – सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, और कलियुग. इन खंभों में सबसे लंबा खंभा कलियुग का है, जो यह संकेत देता है कि कलियुग अभी भी चल रहा है.
क्या है इसका रहस्य?
पाताल भुवनेश्वर गुफा का सबसे बड़ा और चमत्कारी रहस्य यहाँ स्थित शिवलिंग है. मान्यता के अनुसार, यह शिवलिंग लगातार बढ़ता जा रहा है. स्थानीय मान्यता के अनुसार, जब यह शिवलिंग गुफा की छत को छू लेगा, तब यह दुनिया के अंत का संकेत होगा. इसके अलावा, कहा जाता है कि इस गुफा के भीतर स्थित एक पत्थर में यह जानकारी भी छिपी हो सकती है कि दुनिया का अंत कब होगा.
क्या है इस गुफा की महत्ता?
पाताल भुवनेश्वर गुफा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्रकृति के अद्भुत रहस्यों का भी प्रतीक है. यह गुफा न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक रहस्य बन चुकी है. यहाँ की स्थापत्य कला, धार्मिक महत्व और चमत्कारी मान्यताएँ इसे एक विशेष स्थान दिलाती हैं.
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