Biperjoy: 36 घंटे बाद भी गुजरात में संकट जारी, नदियां उफान पर, 80-90 किमी की रफ्तार से चल रही है हवाएं

    तूफान गुजरने के 36 घंटे बाद भी प्रभावित इन इलाकों में जोरदार लगातार बारिश हो रही है. इसके कारण पजलनपुर, बनासकांठा, पाटण एवं अंबाजी जिलों के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है.

    Biperjoy: 36 घंटे बाद भी गुजरात में संकट जारी, नदियां उफान पर, 80-90 किमी की रफ्तार से चल रही है हवाएं

    बिपरजॉय चक्रवात गुजरात में कच्छ के तट से गुरुवार की रात 15 जून को टकराया था. लेकिन तूफान गुजरने के 36 घंटे बाद भी प्रभावित इन इलाकों में जोरदार लगातार बारिश हो रही है. इसके कारण पजलनपुर, बनासकांठा, पाटण एवं अंबाजी जिलों के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है.

    तूफान से हुआ सोलर प्लांट को नुकसान

    इस तूफान से पाटण में बने गुजरात के सबसे बड़े सोलर प्लांट को भारी नुकसान हुआ है. दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद प्लांट में घुटने भर पानी भर गया है. तेज हवाओं से सोलर पैनल झुक गए हैं. यहां के स्थानीय नदियों में बाढ़ के आने की वजह से सैकड़ों गांवों से संपर्क टूट गया है.

    80 से 90 किमी की रफ्तार से चली हवाएं

    इधर बनासकांठा जिले में कल रात से ही तेज बारिश हो रही है. नदियों का पानी आबू रोड तक पहुंच गया है. पालनपुर-अंबाजी हाईवे को बंद कर दिया गया है. इसके कई इलाके पानी में डूब गए हैं. जबकि थरद शहर में 80 से 90 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही है. इससे यहां दर्जनों दुकानों और मकानों को नुकसान हुआ है. इलाके में कई बिजली के खम्भे एवं पेड़ उखड़ गए हैं. ज्यादातर जगहों पर घुटने तक पानी भरा हुआ है.

    गुजरात के बाद राजस्थान में पहुंचा तूफान

    गुजरात के बाद अब बिपरजॉय तूफान का असर राजस्थान में देखने को मिल रहा है. यहां शनिवार की सुबह से ही बाड़मेर, सिरोही, उदयपुर, जालोर और जोधपुर जिले में लगातार बारिश हो रही है. 50 से 60 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही है. मौसम विभाग के अनुसार इन इलाकों में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है.

    तूफान के दौरान 700 बच्चों ने लिया जन्म

    गुजरात में तूफान के दौरान ही रेस्क्यू कैंप में 700 से भी ज्यादा बच्चों ने जन्म लिया. तूफान आने से पहले ही गुजरात सरकार ने 8 जिलों से तकरीबन 1 लाख लोगों को रेस्क्यू करके कैंप में भेजा. इसमें से 1,152 गर्भवती महिलाएं भी शामिल थी. सरकार तूफान से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.