जर्मनी बनाएगा यूरोप की सबसे ताकतवर सेना! फाइटर जेट, टैंक, एयर डिफेंस से होगा लैस, जानें पूरा प्लान

    रोप में शांति और स्थिरता लंबे समय से एक चुनौतीपूर्ण सपना रहा है. लेकिन अब जर्मनी ने इस दिशा में ऐसा क़दम उठाया है, जो न सिर्फ यूरोपीय रक्षा ढांचे को नई मजबूती देगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय रणनीति को भी नई दिशा देगा.

    Germany will create the most powerful army in Europe
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ Sociel Media

    बर्लिन: यूरोप में शांति और स्थिरता लंबे समय से एक चुनौतीपूर्ण सपना रहा है. लेकिन अब जर्मनी ने इस दिशा में ऐसा क़दम उठाया है, जो न सिर्फ यूरोपीय रक्षा ढांचे को नई मजबूती देगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय रणनीति को भी नई दिशा देगा. जर्मनी ने अपनी सेना बुंडेसवेहर को यूरोप की सबसे आधुनिक और मजबूत सेना में बदलने का ऐलान कर दिया है. इसके लिए दुनिया की सबसे महंगी और दीर्घकालिक रक्षा योजना में से एक को मंज़ूरी दी गई है, जिसमें 2041 तक कुल 350 अरब यूरो खर्च किए जाएंगे. यह निर्णय एक ऐसे समय में आया है जब रूस-यूक्रेन युद्ध ने पूरे यूरोप को सुरक्षा के प्रति और अधिक सतर्क बना दिया है.

    जर्मनी को बनाना है यूरोप की सबसे ताक़तवर सेना

    जर्मन रक्षा मंत्रालय ने जिस रणनीति को सार्वजनिक किया है, उसका उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट है- बुंडेसवेहर को यूरोप की सबसे सक्षम, तैयार और खतरनाक सेना बनाना. इस योजना को सिर्फ एक सैन्य विस्तार नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक स्वतंत्रता का प्रतीक माना जा रहा है.

    इस योजना के तहत जर्मनी ना केवल अपने सैनिकों को नई तकनीक और आधुनिक हथियारों से लैस करेगा, बल्कि एक ऐसा बुनियादी ढांचा तैयार करेगा जो किसी भी आपात स्थिति या युद्ध के लिए तत्पर रहेगा. जर्मनी की यह रणनीति अब एक बयान बन चुकी है एक शांतिप्रिय देश भी जब चाहे, दुनिया की सबसे ताक़तवर फौज तैयार कर सकता है.

    गोला-बारूद से लेकर एयर डिफेंस तक

    इस ऐतिहासिक योजना में सबसे बड़ा हिस्सा गोला-बारूद की खरीद को दिया गया है. अकेले इस क्षेत्र में ही 70.3 अरब यूरो खर्च किए जाएंगे, जिससे साफ है कि जर्मनी अब युद्ध के हालात में लंबी अवधि तक लड़ने में सक्षम बनना चाहता है.

    साथ ही जर्मनी 5,000 नए बॉक्सर व्हील्ड बख्तरबंद वाहनों की खरीद करेगा, जिनमें से कई वर्ज़न एयर डिफेंस सिस्टम स्काईरेंजर से लैस होंगे. ये गाड़ियां न सिर्फ सैनिकों को युद्धक्षेत्र तक सुरक्षित पहुंचाने में मदद करेंगी, बल्कि दुश्मन के ड्रोन और हवाई हमलों को भी रोक सकेंगी.

    इसके अलावा, वायु सेना के लिए 20 यूरोफाइटर टाइफून जेट और नौसेना के लिए अत्याधुनिक जहाज और उपकरण खरीदे जाएंगे. कुल मिलाकर, जर्मनी हर मोर्चे पर खुद को न केवल तैयार कर रहा है, बल्कि एक नई शक्ति के रूप में उभर रहा है.

    2029 और 2030 होंगे निर्णायक साल

    योजना के मुताबिक, इस साल 8.2 अरब यूरो खर्च किए जाएंगे, लेकिन अगले ही साल ये आंकड़ा 22.3 अरब यूरो तक बढ़ जाएगा. सबसे ज्यादा खर्च 2029 और 2030 में अनुमानित है, जब सालाना खर्च 52 अरब यूरो से अधिक होगा. ये दो साल जर्मन सेना के भविष्य का आकार तय करने वाले होंगे.

    इन्हीं वर्षों में जर्मनी की ताकत तेजी से बढ़ेगी, और वह पूरी तरह आधुनिक सैन्य शक्ति के रूप में यूरोप में अपनी स्थिति मजबूत कर लेगा.

    रूस के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है ये कदम

    यूक्रेन में जारी युद्ध ने रूस के इरादों पर सवालिया निशान खड़ा किया है, और यूरोप ने सामूहिक रूप से इस खतरे को गंभीरता से लिया है. जर्मनी की यह नई सैन्य रणनीति भी इसी भू-राजनीतिक पृष्ठभूमि में तैयार की गई है.

    विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जर्मनी अपनी योजना पर अमल करता है, तो यह रूस के लिए एक नई सामरिक चुनौती साबित हो सकता है. पुतिन की सरकार को आने वाले वर्षों में यूरोप में एक पूरी तरह से तैयार और अत्याधुनिक जर्मन सेना का सामना करना पड़ सकता है, जो कि किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए तैयार होगी.

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