चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने एक नई और महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है, जिसके तहत राज्य के सभी स्कूलों में प्रार्थना सभा के दौरान श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों का पाठ अनिवार्य किया जाएगा. यह कदम बच्चों में नैतिक और आध्यात्मिक चेतना को जागरूक करने के लिए उठाया गया है.
पहली बार शुरू हुआ गीता श्लोकों का पाठ
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. पवन कुमार ने इस पहल की शुरुआत करते हुए पहले दिन इसे सर्वपल्ली राधाकृष्णन लैब स्कूल में लागू किया. वहां के छात्रों ने सुबह की प्रार्थना सभा में गीता के श्लोकों का उच्चारण किया.
शिक्षा के साथ आध्यात्मिक जागृति
डॉ. पवन कुमार ने बताया कि गीता के श्लोक बच्चों के सर्वांगीण विकास में मदद करेंगे और उन्हें जीवन के मूल्यों को समझने में सहायता देंगे. गीता का पाठ न केवल आध्यात्मिक जागृति पैदा करेगा, बल्कि यह छात्रों के नैतिक दृष्टिकोण को भी सशक्त बनाएगा. यह पहल विभिन्न दृष्टिकोणों से चर्चा का विषय बन गई है. जहां कुछ लोग इसे संस्कारों की दिशा में सकारात्मक कदम मानते हैं, वहीं कुछ लोग इसे शिक्षा में धार्मिक प्रभाव के रूप में देख रहे हैं. हालांकि, अधिकतर अभिभावक और शिक्षक इसे बच्चों के जीवन में सही दिशा देने के रूप में देख रहे हैं.
गीता के महत्व पर जोर
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने भी इस अवसर पर बच्चों को आशीर्वचन दिए और नियमित रूप से गीता का पाठ करने की प्रेरणा दी. इसके अलावा, श्रीकृष्ण कृपा समिति के डॉ. विनोद अंचल ने गीता पाठ के फायदे और इसके जीवन में सकारात्मक प्रभाव के बारे में बताया.
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