जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में फिर से तल्ख़ी आ गई है. दोनों देशों ने कूटनीतिक और सामरिक स्तर पर कई कठोर निर्णय लिए हैं. लेकिन, इस बीच एक और बड़ा मोड़ सामने आया है—इजरायल ने इस हमले को लेकर गंभीर अंतरराष्ट्रीय संकेत दिए हैं.
भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की तुलना 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हुए हमास के हमले से की है. उन्होंने कहा कि दोनों हमलों में आतंकियों की रणनीति, मासूम नागरिकों को निशाना बनाने की क्रूरता और सीमा पार से ऑपरेशन चलाने की शैली में गहरी समानता है.
"आतंकवादी कर रहे हैं ग्लोबल नेटवर्किंग"
एक मीडिया बातचीत में राजदूत अजार ने कहा, “दुर्भाग्य से आतंकवादी संगठनों के बीच समन्वय और सहयोग बढ़ता जा रहा है. वे न केवल एक-दूसरे से प्रेरणा ले रहे हैं, बल्कि ऑपरेशनल रणनीतियों की नकल भी कर रहे हैं." उन्होंने बताया कि इस बढ़ते खतरे को भांपते हुए कई देशों की खुफिया एजेंसियां मिलकर कार्रवाई कर रही हैं.
POK में हमास-जैश की मुलाकात का इशारा
रूवेन अजार ने यह भी दावा किया कि हाल ही में हमास के शीर्ष नेताओं ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) का दौरा किया था, जहां उनकी मुलाकात जैश-ए-मोहम्मद और अन्य पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से हुई थी. बताया जा रहा है कि एक रैली में हमास और जैश के प्रतिनिधि एक ही मंच पर मौजूद थे, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था. हालांकि, हमास की ओर से इस रिश्ते को लेकर कोई औपचारिक बयान नहीं आया है.
भारत के जवाबी कदमों की सराहना
इजरायली राजदूत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत द्वारा उठाए गए कठोर कदमों की सराहना की है. उन्होंने कहा, “हम भारत सरकार की दृढ़ प्रतिक्रिया से बेहद प्रभावित हैं. चाहे वह कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान से संबंधों की समीक्षा हो या सिंधु जल समझौते को निलंबित करने जैसा बड़ा फैसला.”
प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार की एक रैली में पहलगाम हमले को लेकर सख्त प्रतिक्रिया दी थी और साफ कहा था कि इसका करारा जवाब दिया जाएगा.
क्या भारत-फिलिस्तीन रिश्तों पर असर पड़ेगा?
इस पूरी स्थिति के बीच एक सवाल उठता है कि क्या हमास की संलिप्तता भारत-फिलिस्तीन के रिश्तों को प्रभावित करेगी? भारत फिलिस्तीन को हर साल मानवीय मदद देता है—जिसमें वेस्ट बैंक और गाज़ा में स्कूल, अस्पताल और दवाइयों के लिए सहायता शामिल है.
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के संबंध फिलिस्तीनी अथॉरिटी से हैं, न कि हमास से, जो गाज़ा पट्टी में शासन करता है. लेकिन, अगर यह साबित होता है कि हमास भारतीय हितों पर हमलों में पाकिस्तान के आतंकियों के साथ मिलकर काम कर रहा है, तो इन संबंधों की समीक्षा भी संभावित है.
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