पंजाब की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने वाले बहुचर्चित लॉरेंस बिश्नोई इंटरव्यू मामले में अब सच की परतें खुलने लगी हैं. मोहाली की एक अदालत ने इस मामले में 6 पुलिसकर्मियों के पॉलीग्राफ (लाई डिटेक्टर) टेस्ट की अनुमति दे दी है, जिससे इस सनसनीखेज मामले में अंदरूनी मिलीभगत की आशंका को बल मिला है.
क्या है मामला?
बात उस समय की है जब कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई सीआईए खरड़ की पुलिस हिरासत में था. उसी दौरान एक निजी टीवी चैनल ने उसका इंटरव्यू प्रसारित किया — और वो भी किसी सामान्य कमरे से नहीं, बल्कि टीवी स्टूडियो जैसी साज-सज्जा के बीच. यह इंटरव्यू जब ऑन एयर हुआ, तो पूरे देश में हड़कंप मच गया. एक हार्डकोर अपराधी, पुलिस की निगरानी में रहते हुए राष्ट्रीय मीडिया पर बेधड़क बोल रहा था, और पंजाब पुलिस महज़ मूक दर्शक बनी रही.
इस घटना ने इतना तूल पकड़ा कि मामला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट तक जा पहुंचा. सरकार ने आनन-फानन में एसआईटी गठित की, जांच शुरू हुई और अब उसी जांच की अगली कड़ी के रूप में अदालत ने पॉलीग्राफ टेस्ट का आदेश दिया है. जिन पुलिसकर्मियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराया जाएगा, उनमें एएसआई मुख्तियार सिंह, कांस्टेबल सिमरनजीत सिंह, हरप्रीत सिंह, बलविंदर सिंह, सतनाम सिंह और अमृतपाल सिंह शामिल हैं. सभी ने जांच में सहयोग देने और टेस्ट के लिए सहमति जताई है.
डीएसपी को बर्खास्त कर चुकी है सरकार
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पंजाब सरकार पहले ही एक डीएसपी रैंक के अधिकारी गुरशेर सिंह संधू को सेवा से बर्खास्त कर चुकी है. संधू पर आरोप था कि उन्होंने न सिर्फ अपने कर्तव्य में घोर लापरवाही बरती, बल्कि हिरासत में बंद एक अपराधी को इंटरव्यू की सुविधा देकर पुलिस विभाग की साख को गहरा नुकसान पहुंचाया. मार्च 2023 में बिश्नोई के दो इंटरव्यू प्रसारित होने के बाद उन्हें पहले निलंबित किया गया था और अब संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत उन्हें सेवा से बाहर कर दिया गया है.
छवि पर गंभीर चोट, विश्वास पर सवाल
पुलिस विभाग की छवि को ठेस पहुंचाने वाला यह मामला अब केवल प्रशासनिक कार्रवाई तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह आम जनता के उस विश्वास पर भी चोट है, जो वह सुरक्षा व्यवस्था में जताती है. क्या पंजाब पुलिस की छांव में ही एक गैंगस्टर मीडिया तक पहुंच सका? क्या कुछ लोग अंदर से इस पूरी ‘स्क्रिप्ट’ का हिस्सा थे? अब सारे जवाब उस पॉलीग्राफ मशीन की सूइयों पर टिके हैं जो इन छह पुलिसकर्मियों के जवाबों की सच्चाई बताएंगी.
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