Bihar News: बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने हाल ही में मुंगेर से सबौर तक 82.80 किलोमीटर लंबी गंगा पथ परियोजना को स्वीकृति देने की घोषणा की. यह परियोजना न केवल राज्य के यातायात के ढांचे को मजबूती प्रदान करेगी, बल्कि क्षेत्रीय पर्यटन और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि करेगी. इस परियोजना पर कुल 9969.63 करोड़ रुपये का खर्च आएगा और इसे दो खंडों में विभाजित किया जाएगा.
गंगा पथ का निर्माण दो हिस्सों में होगा
सम्राट चौधरी के अनुसार, गंगा पथ परियोजना को दो हिस्सों में लागू किया जाएगा, जिनमें से पहला खंड मुंगेर (सफियाबाद) से बरियारपुर, घोरघट होते हुए सुल्तानगंज तक होगा. इस खंड की लंबाई 42 किलोमीटर होगी और इसे हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) के तहत बनाया जाएगा. इस खंड पर करीब 511980.00 लाख रुपये (पाँच हजार एक सौ उन्नीस करोड़ अस्सी लाख) की लागत आएगी.
सुल्तानगंज से सबौर तक दूसरा खंड
इस परियोजना का दूसरा खंड सुल्तानगंज से भागलपुर होते हुए सबौर तक 40.80 किलोमीटर लंबा होगा. इसे भी HAM मॉडल पर बनाया जाएगा, और इसके लिए अनुमानित लागत 484983.00 लाख रुपये (चार हजार आठ सौ उनचास करोड़ तिरासी लाख) है. यह खंड बिहार के लिए और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इलाके के कनेक्टिविटी और व्यापार को बढ़ावा देगा.
परियोजना के फायदे
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि गंगा पथ परियोजना से न केवल यातायात का ढांचा मजबूत होगा, बल्कि यात्रियों को एक खूबसूरत प्राकृतिक यात्रा का भी अनुभव होगा. यह मार्ग पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित होगा, जिससे क्षेत्रीय पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा और स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
सम्राट चौधरी ने राज्य में सड़क और पुल निर्माण के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चल रही एनडीए सरकार की नीतियों की सराहना की. उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 के बाद से बिहार में सड़कों का एक विशाल नेटवर्क विकसित हुआ है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा हुआ है. गंगा पथ परियोजना इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है, जो राज्य के विकास में अहम भूमिका निभाएगी.
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