दिल्ली: पुरानी गाड़ियों के मालिकों को बड़ी राहत, ओवरएज्ड वाहनों पर लगा फ्यूल बैन हटा, जानें कब लागू होगा नियम

    Delhi News: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजधानी के लोगों को एक बड़ी राहत देते हुए ऐलान किया कि 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर 1 नवंबर तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.

    Fuel ban on old vehicles lifted in Delhi new rule will come from november
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    Delhi News: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजधानी के लोगों को एक बड़ी राहत देते हुए ऐलान किया कि 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर 1 नवंबर तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. इस फैसले से राजधानी में वाहन मालिकों को अस्थायी राहत मिली है, जिससे अब उन्हें अपनी पुरानी गाड़ियों को जब्त होने की चिंता नहीं रहेगी.

    सीएम रेखा गुप्ता का सुप्रीम कोर्ट से आग्रह

    सीएम रेखा गुप्ता ने पहले ही संकेत दिया था कि उनकी सरकार इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करेगी कि दिल्ली में ओवरएज वाहनों के लिए पूरे देश के नियमों के समान नियम लागू किए जाएं. उनका मानना है कि अगर अन्य राज्यों में पुरानी गाड़ियों को चलने की अनुमति है, तो दिल्ली में भी ऐसा किया जा सकता है.

    उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना का पत्र

    यह निर्णय दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के सीएम को लिखे गए पत्र के बाद लिया गया. पत्र में उन्होंने यह सवाल उठाया कि यह तर्कहीन है कि 10 साल पुराना डीजल वाहन दिल्ली में जीवन समाप्त कर चुका है, जबकि अन्य शहरों में यह वाहन अभी भी सड़क पर चलने के योग्य और वैध है. उपराज्यपाल के पत्र ने सरकार को इस पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया.

    दिल्ली में पुरानी गाड़ियों को जब्त करने का कदम वायु प्रदूषण नियंत्रण के उद्देश्य से उठाया गया था. 1 जुलाई 2025 से लागू इस नीति के तहत पहले दिन 80 वाहन जब्त किए गए थे, जिनमें 67 दोपहिया वाहन थे. हालांकि, जनता की नाराजगी और राजनीतिक दबाव के चलते दिल्ली सरकार ने इस नीति पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी.

    केवल प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों पर होगी कार्रवाई

    मंगलवार को हुए नए ऐलान के मुताबिक, अब 1 नवंबर 2025 तक यह प्रतिबंध स्थगित रहेगा. सरकार ने स्पष्ट किया कि केवल उन गाड़ियों पर कार्रवाई की जाएगी, जो वायु प्रदूषण फैला रही हैं. यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि केवल असामान्य रूप से प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई हो, न कि उन गाड़ियों के खिलाफ जो स्थिति में सही हैं.

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