GST System: अब ₹1000 से ज़्यादा की शर्ट और जूते भी होंगे सस्ते, क्योंकि सरकार GST ढांचे में बड़ा बदलाव करने जा रही है. 12 और 28 प्रतिशत वाले टैक्स स्लैब को हटाकर सरकार ज़्यादातर वस्तुओं को 5 और 18 प्रतिशत के स्लैब में समेटने की तैयारी में है. इसका सीधा असर आम उपभोक्ता की जेब पर पड़ेगा, और रोज़मर्रा की ढेरों ज़रूरी चीज़ें अब पहले से सस्ती मिलेंगी.
अब तक ₹1000 से अधिक कीमत वाले कपड़े और फुटवियर पर 12 प्रतिशत GST लगता था, जबकि इससे कम कीमत पर 5 प्रतिशत. लेकिन नए प्रस्ताव के बाद, सभी कीमतों पर सिर्फ 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा. यानी अब आप ब्रांडेड शर्ट, पैंट या महंगे जूते भी कम दाम में खरीद पाएंगे.
हर घर की चीज़ें होंगी सस्ती
सरकार की नई योजना के मुताबिक, 12 प्रतिशत वाले स्लैब में शामिल लगभग 99% उत्पादों को 5% के स्लैब में शिफ्ट कर दिया जाएगा. इससे चटनी, नमकीन, घी, जैम, जूस, नारियल पानी, ड्राइ फ्रूट, पेंसिल, टूथपाउडर, किचन और टॉयलेट के उत्पाद, पैक्ड पानी, स्पोर्ट्स गुड्स, फर्नीचर, नट-बोल्ट, बर्तन, मच्छरदानी, परदे, दवाइयां, जूट-हैंडबैग, थ्रेशिंग मशीन जैसी सैकड़ों चीजें सस्ती हो जाएंगी.
आम लोगों को राहत, सरकार को सीमित नुकसान
GST जानकारों का कहना है कि इस कदम से सरकार को बहुत बड़ा राजस्व नुकसान नहीं होगा, क्योंकि 12% वाले टैक्स स्लैब से कुल GST कलेक्शन का केवल 5% आता है. अभी सरकार हर महीने औसतन ₹1.8 लाख करोड़ GST वसूलती है, जिसमें 12 प्रतिशत टैक्स से ₹9,000 करोड़ आते हैं. इस नए प्रस्ताव से लगभग ₹4,000 करोड़ का मासिक नुकसान अनुमानित है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि सस्ती चीज़ों की बिक्री बढ़ने से इस घाटे की भरपाई हो सकती है.
28% स्लैब का भी होगा पुर्नविचार
28% वाले टैक्स स्लैब की भी समीक्षा की जा रही है. इसमें शामिल कई वस्तुओं को 18% में डाला जा सकता है, जबकि कुछ महंगी और लग्जरी वस्तुओं पर टैक्स 40% तक बढ़ाने का प्रस्ताव भी विचाराधीन है.
मांग बढ़ेगी, अर्थव्यवस्था को मिलेगा बूस्ट
CBIC के पूर्व अध्यक्ष नजीब शाह का मानना है कि इस GST सुधार से लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी. जब आम लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा बचेगा, तो खरीदारी बढ़ेगी और बाजार में मांग तेज़ होगी. यही नहीं, कम अनुपालन और सरलीकृत टैक्स स्ट्रक्चर की वजह से छोटे और मंझोले कारोबारियों को भी राहत मिलेगी.
भारत को मिलेगा निवेश गंतव्य का फायदा
सरकार का यह कदम न केवल उपभोक्ताओं और कारोबारियों के लिए फायदेमंद है, बल्कि इससे भारत वैश्विक निवेशकों के लिए भी एक आकर्षक गंतव्य बन सकता है. टैक्स सिस्टम जितना सरल होगा, उतना ही विदेशी निवेशकों को कारोबार करना आसान लगेगा.
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