ताबूत तैयार कर लें मैक्रों... फ्रांस के राष्ट्रपति को मिली जान से मारने की धमकी

    फ्रांस में राजनीतिक माहौल उस समय गरमा गया जब राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को जान से मारने की धमकी दी गई. धमकी देने वाले ने यहां तक कह डाला कि मैक्रों को अपना “ताबूत तैयार” कर लेना चाहिए.

    France president emmanuel macron  death threat by palestine
    Image Source: Social Media

    फ्रांस में राजनीतिक माहौल उस समय गरमा गया जब राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को जान से मारने की धमकी दी गई. धमकी देने वाले ने यहां तक कह डाला कि मैक्रों को अपना “ताबूत तैयार” कर लेना चाहिए. इस सनसनीखेज बयान के बाद फ्रांसीसी सुरक्षा एजेंसियों ने तत्काल जांच शुरू कर दी है. आरोप एक रब्बी पर है, जो फिलिस्तीन को लेकर मैक्रों के हालिया रुख से बेहद नाराज़ बताया जा रहा है.

    हाल ही में यूट्यूब पर डाले गए एक वीडियो में रब्बी डैनियल कोहेन नाम का व्यक्ति, फ्रांस के राष्ट्रपति पर तीखे शब्दों में हमला करते हुए नजर आता है. कोहेन का आरोप है कि फ्रांस फिलिस्तीन को मान्यता देने की योजना बनाकर “ईश्वर के विरुद्ध युद्ध” छेड़ रहा है. इसी वीडियो में उसने मैक्रों के लिए ताबूत की बात कही, जिसे अब तक राष्ट्रपति के खिलाफ किया गया सबसे गंभीर व्यक्तिगत हमला माना जा रहा है.

    मैक्रों का विवादित ऐलान

    पिछले दिनों मैक्रों ने घोषणा की थी कि सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान फ्रांस, फिलिस्तीन को आधिकारिक मान्यता देगा. उनके अनुसार, यह कदम “न्यायपूर्ण और स्थायी शांति” के लिए ऐतिहासिक होगा. इस फैसले की अमेरिका और इजराइल ने कड़ी आलोचना की, जबकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर समेत 15 अन्य देशों ने भी फिलिस्तीन के समर्थन में एक संयुक्त बयान जारी किया. वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से 147 देश फिलिस्तीन को मान्यता दे चुके हैं.

    अमेरिका और इजराइल की प्रतिक्रिया

    अमेरिका ने खुले तौर पर इस फैसले का विरोध किया. विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने स्पष्ट कहा कि वाशिंगटन, फिलिस्तीन को मान्यता देने के फ्रांसीसी रुख को स्वीकार नहीं करेगा. इसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ऐलान किया कि वे संयुक्त राष्ट्र के उस सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे, जो फिलिस्तीन के लिए दो-राज्य समाधान पर चर्चा करने वाला है.इसी बीच, इजराइल ने अपनी कैबिनेट बैठक में गाजा पर पूर्ण कब्जा करने की योजना को मंजूरी दी. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उनका उद्देश्य केवल हमास को समाप्त करना है, हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस फैसले की तीखी आलोचना हो रही है.

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