मैसाचुसेट्स स्थित विश्वप्रसिद्ध हार्वर्ड मेडिकल स्कूल को लेकर एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसने शिक्षा और मेडिकल रिसर्च की पवित्रता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. हार्वर्ड का एक पूर्व मैनेजर ने रिसर्च के लिए दान में दिए गए मृत शरीरों के अंगों की तस्करी कर अंतरराज्यीय ब्लैक मार्केट को सप्लाई करने का अपराध स्वीकार कर लिया है.
कौन है आरोपी?
57 वर्षीय सेड्रिक लॉज, जो कभी हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शवगृह (मॉर्च्युरी) का मैनेजर था, अब एक संगीन अपराधी के रूप में फेडरल कोर्ट में पेश हुआ. बुधवार, 21 मई 2025 को पेंसिलवेनिया की एक फेडरल कोर्ट में लॉज ने कबूल किया कि उसने 2018 से 2020 के बीच मानव शरीर के अंग चुराकर उन्हें ब्लैक मार्केट में बेचा.
कैसे करता था तस्करी?
लॉज ने माना कि जिन शरीरों को शैक्षणिक अनुसंधान के लिए दान किया गया था, उनका दुरुपयोग किया गया. उसने मॉर्च्युरी की पहुंच का फायदा उठाकर दान किए गए शवों से सिर, हाथ, चेहरा, त्वचा और मस्तिष्क जैसे अंग निकाल लिए. इन अंगों को वह अपने घर न्यू हैम्पशायर के गॉफ्सटाउन ले जाता था, जहां उसकी पत्नी डेनिस लॉज के साथ मिलकर वह इन्हें अवैध बाजार में बेच देता था.
कैसे फैला था नेटवर्क?
अभियोजन पक्ष के अनुसार, लॉज का तस्करी नेटवर्क केवल हार्वर्ड तक सीमित नहीं था. यह नेटवर्क मैसाचुसेट्स, न्यू हैम्पशायर और पेंसिलवेनिया तक फैला हुआ था. कई बार यह दंपती शरीर के अंगों को कुरियर से भेजते थे तो कई बार वे खुद इन्हें डिलीवर करते थे.
क्या हो सकती है सजा?
इस घिनौने अपराध के लिए सेड्रिक लॉज को 10 साल तक की फेडरल जेल की सजा हो सकती है. इसके अलावा उस पर आर्थिक जुर्माना और एक नियत समय के लिए सुपरवाइज्ड रिलीज भी लग सकती है. उसकी सजा का निर्धारण चीफ यूएस डिस्ट्रिक्ट जज मैथ्यू डब्ल्यू ब्रैन करेंगे. बता दें कि सेड्रिक की पत्नी डेनिस लॉज पहले ही अपना अपराध स्वीकार कर चुकी हैं और अब वे भी सजा के फैसले का इंतजार कर रही हैं.