मैसूरु (कर्नाटक): कर्नाटक की राजनीति में एक बड़ा मोड़ तब आया जब बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना को एक बेहद गंभीर मामले में दोषी करार दे दिया. मामला एक महिला घरेलू सहायक के साथ रेप और यौन उत्पीड़न का था, जिसे अदालत ने गंभीरता से लिया और शुक्रवार, 1 अगस्त 2025 को रेवन्ना को दोषी ठहराया गया. अब इस बहुचर्चित केस में सजा का ऐलान शनिवार को होगा.
कोर्ट का फैसला सुनते ही प्रज्वल रेवन्ना की भावनाएं फूट पड़ीं. कोर्ट ने जिस समय को दोषी करार दिया उस समय कोर्ट में मौजूद रेवन्ना फूट-फूटकर रोने लगे. जब वह अदालत कक्ष से बाहर निकले, तो visibly टूटे हुए और रोते हुए नजर आए. यह वही रेवन्ना हैं जो कभी कर्नाटक की राजनीति में एक उभरते हुए चेहरे माने जाते थे, लेकिन अब वह यौन अपराधों से जुड़े मामलों के केंद्र में आ चुके हैं.
क्या था मामला?
यह केस 47 वर्षीय एक महिला घरेलू सहायक की शिकायत पर आधारित है, जो प्रज्वल के परिवार के फार्महाउस में काम करती थी. अप्रैल 2024 में महिला ने आरोप लगाया कि 2021 से कई बार रेवन्ना ने उसका यौन शोषण किया और घटना के बारे में किसी को भी बताने पर अश्लील वीडियो लीक करने की धमकी दी.
इस मामले में प्रज्वल के खिलाफ रेप, ब्लैकमेलिंग, आपराधिक धमकी और निजता के उल्लंघन जैसे गंभीर आरोपों के तहत मुकदमा चला. यह चार मामलों में से पहला केस था, जिसमें उन्हें अदालत ने दोषी माना है.
यौन उत्पीड़न के आरोपों की लंबी फेहरिस्त
रेवन्ना का नाम पहली बार अप्रैल 2024 में सुर्खियों में आया जब कर्नाटक सेक्स स्कैंडल सामने आया. जांच के दौरान चौंकाने वाले खुलासे हुए उनके खिलाफ 50 से अधिक महिलाओं ने यौन उत्पीड़न, रेप, ब्लैकमेलिंग और मानसिक उत्पीड़न जैसे आरोप लगाए.
SIT की जांच में सामने आए तथ्य:
कई महिलाओं को सरकारी नौकरी का लालच दिया गया – किसी को सब-इंस्पेक्टर, किसी को तहसीलदार, तो किसी को फूड डिपार्टमेंट में नियुक्ति का वादा.
सोशल मीडिया पर 2,000 से अधिक अश्लील वीडियो सामने आए जिनमें पीड़ित महिलाओं की पहचान भी उजागर थी.
कर्नाटक सेक्स स्कैंडल: कैसे उजागर हुआ?
इस कांड का खुलासा तब हुआ जब 26 अप्रैल 2024 को बेंगलुरु में सार्वजनिक स्थानों पर कई पेन ड्राइव बरामद की गईं. इन ड्राइव्स में हजारों अश्लील वीडियो क्लिप्स थीं, जिनमें रेवन्ना को महिलाओं के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा गया.
जांच एजेंसियों का मानना है कि ये वीडियो प्रज्वल द्वारा खुद रिकॉर्ड किए गए थे, जिनका उपयोग महिलाओं को धमकाने और चुप रखने के लिए किया गया.
राज्य सरकार ने मामला गंभीर होता देख विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया जिसने अब तक 4 एफआईआर दर्ज की हैं.
चुनाव के बाद देश छोड़कर भागे
रेवन्ना 2024 लोकसभा चुनाव में कर्नाटक की हासन सीट से JDS के उम्मीदवार थे, लेकिन मतदान के ठीक अगले दिन यानी 27 अप्रैल को वे देश छोड़कर जर्मनी चले गए. SIT की जांच से बचने की यह कोशिश अंततः नाकाम रही. 31 मई को जब वे भारत लौटे तो बेंगलुरु एयरपोर्ट पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
राजनीतिक और पारिवारिक असर
JDS ने रेवन्ना को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निलंबित कर दिया. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के परिवार के लिए यह मामला बेहद संवेदनशील और शर्मिंदगी भरा रहा है. रेवन्ना के राजनीतिक करियर पर अब पूरी तरह विराम लग चुका है.
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