Himachal Pradesh Flood: हिमाचल प्रदेश एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में है, और इस बार चुनौती कहीं अधिक विकराल है. भारी बारिश, भूस्खलन और ब्यास नदी की उफनती लहरों ने कीरतपुर-मनाली फोरलेन का लगभग नामोनिशान मिटा दिया है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के लिए यह सिर्फ सड़क टूटने का मामला नहीं, बल्कि एक पूरे बुनियादी ढांचे के फिर से खड़ा होने की चुनौती है.
इस बार 2023 की तबाही के मुकाबले नुकसान चार गुना ज्यादा हुआ है. कीरतपुर से मनाली तक बनने वाली फोरलेन सड़क, पंडोह से मनाली तक कई स्थानों पर बर्बाद हो चुकी है. ब्यास नदी में आए बाढ़ के बाद कुल्लू से मनाली तक सड़क छह जगहों पर पूरी तरह टूट गई है, जहां अब सिर्फ मलबा, पानी और टूटे हुए सपने बचे हैं.
कुल्लू-मनाली के 'डोहलूनाला टोल प्लाजा' पर ब्यास नदी का पानी है....
— Rahul Thakur (@rahulthakur9293) August 27, 2025
तीन साल पहले खूब शिकायत हुई थी कि ये वन विभाग की जमीन पर बना है...इस टोल प्लाजा के पास बनी बिल्डिंग भी वन विभाग की जमीन पर थी...कोई नहीं सुनेगा तो प्रकृति क्या करे ?#himachalfloods #VaishnoDevi #FloodAlert… pic.twitter.com/gh5deH50Sb
सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके:
बिंदु ढांक
15 मील
रायसन
मनाली लग्जरी बस स्टैंड
डोहलू टोल बैरियर
इन जगहों तक मशीनरी पहुंचाना भी अब पहाड़ जैसा काम बन गया है.
युद्ध स्तर पर जारी बहाली कार्य
20 से अधिक पोकलेन मशीनों को तुरंत राहत कार्य में लगाया गया है. झलोगी और दवाड़ा जैसे क्षेत्रों में भी हालात भयावह हैं, जहां सड़कें या तो बह गई हैं या ब्यास नदी का जलस्तर इतना ऊंचा है कि काम रोकना पड़ा है.
झलोगी में तो सड़क पूरी तरह जमींदोज हो चुकी है और दवाड़ा में पानी सड़क को काटते हुए अंदर तक घुस आया है. यहां चट्टानों को तोड़कर रास्ता बनाने की कोशिश की जा रही है.
सैकड़ों लोग रास्तों में फंसे
पंडोह से औट के बीच सैकड़ों वाहन और यात्री पिछले दो दिन से फंसे हुए हैं. राहत की उम्मीद की जा रही है कि अगर मौसम साफ रहा, तो गुरुवार दोपहर तक मार्ग आंशिक रूप से बहाल हो सकता है. 30 से ज्यादा मशीनें पंडोह-टकौली खंड में जुटी हैं, और NHAI के वरिष्ठ अधिकारी स्वयं मौके पर निगरानी कर रहे हैं.
नई सड़क, नया संघर्ष
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह सड़क पिछले कुछ वर्षों में ही बनी थी, और अब इस हालत में पहुंच चुकी है कि कई हिस्सों को दोबारा शून्य से बनाना पड़ेगा. यानी महज मरम्मत नहीं, बल्कि नया निर्माण कार्य शुरू करना पड़ेगा.
NHAI मंडी के परियोजना निदेशक वरुण चारी ने कहा, "पंडोह से मनाली तक मार्ग बहाली का कार्य युद्धस्तर पर जारी है. भारी बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई आसान नहीं होगी, लेकिन हमारी टीम पूरी ताकत से जुटी है."
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