भारतीय मुद्रा रुपया हाल ही में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर पर पहुँच गया है. बुधवार को यह 90 के स्तर को पार कर ऑल-टाइम लो पर पहुँच गया. इस गिरावट के पीछे सबसे बड़ा कारण डॉलर की मजबूत मांग है, जो विदेशी निवेशकों की बिकवाली और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच और बढ़ गई है.
इसके अलावा, भारत और अमेरिका के बीच लंबित व्यापार वार्ता और भू-राजनीतिक स्थितियों ने भी रुपया कमजोर होने में योगदान दिया है. ऐसे समय में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस गिरावट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि भारतीय मुद्रा अपने स्तर को स्वाभाविक रूप से संतुलित करेगी.
"रुपया खुद ढूंढेगा अपना रास्ता"- वित्त मंत्री
हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट (HTLS) 2025 में वित्त मंत्री ने कहा कि करेंसी स्तर पर बहस करते समय केवल पिछले रिकार्ड या ऐतिहासिक डेटा को आधार नहीं बनाना चाहिए. उनका कहना था कि वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों के संदर्भ में ही मुद्रा के स्तर का मूल्यांकन किया जाना चाहिए.
वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया, “रुपया को अपना रास्ता खुद ढूंढना होगा. हमें इसके बारे में बहस करते समय मौजूदा आर्थिक हकीकतों को ध्यान में रखना चाहिए, न कि पुराने समय की तुलना से.”
अर्थव्यवस्था की मजबूती और एक्सपोर्ट का महत्व
सीतारमण ने आगे कहा कि जब मुद्रा का मूल्य कम होता है, तो इसका फायदा मुख्य रूप से निर्यातकों को होता है. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग अमेरिकी टैरिफ्स के संदर्भ में इस गिरावट को राहत के रूप में देखते हैं, लेकिन वित्त मंत्री के अनुसार इसे पूरी तरह संतोषजनक नहीं माना जा सकता. उनका कहना था कि मुद्रा के स्तर को समझते समय अर्थव्यवस्था की मजबूती और फंडामेंटल्स को भी ध्यान में रखना जरूरी है.
वास्तव में, यह स्थिति दर्शाती है कि केवल करेंसी का स्तर ही किसी अर्थव्यवस्था की ताकत का संकेत नहीं देता. निर्यात, GDP ग्रोथ, महंगाई और विदेशी निवेश जैसे पहलू भी इस मूल्यांकन में अहम भूमिका निभाते हैं.
रुपये की गिरावट के पीछे क्या कारण हैं?
4 दिसंबर को रुपया डॉलर के मुकाबले 90.46 पर पहुंच गया, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है. इसकी प्रमुख वजहें हैं:
विशेष बात यह है कि इसके बावजूद घरेलू आर्थिक संकेतक सकारात्मक हैं. GDP ग्रोथ दूसरी तिमाही में 8.2% पर पहुंच गई, जो छह तिमाहियों में सबसे ऊंचा स्तर है. वहीं, रिटेल महंगाई अक्टूबर में सिर्फ 0.25% रही, जो रिकॉर्ड निचले स्तर पर है.
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