टारगेट लॉक और 7 मिनट में ईरान से तेल अवीव पहुंची फतेह-1 मिसाइल, इजरायल में मची तबाही, जानें इसकी ताकत

    ईरान और इज़रायल के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच, ईरान की फतेह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल ने वैश्विक रक्षा विश्लेषकों और कूटनीतिक हलकों का ध्यान खींचा है.

    Fateh-1 missile reached Tel Aviv from Iran in 7 minutes
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- Internet

    तेहरान/यरूशलम: ईरान और इज़रायल के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच, ईरान की फतेह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल ने वैश्विक रक्षा विश्लेषकों और कूटनीतिक हलकों का ध्यान खींचा है. हाल ही में रिपोर्ट्स सामने आईं कि ईरान ने इस मिसाइल का उपयोग कर इज़रायल की राजधानी तेल अवीव तक मात्र 7 मिनट में सटीक हमला किया. यह घटना क्षेत्रीय संतुलन के लिहाज़ से एक निर्णायक मोड़ मानी जा रही है.

    क्या है फतेह-1 मिसाइल?

    फतेह-1 को ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) ने विकसित किया है. यह ईरान की पहली घरेलू रूप से निर्मित हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे 2023 में सार्वजनिक किया गया और 2024 में पहली बार युद्ध में प्रयोग किया गया.

    स्पीड: Mach 13-15 (16,000 से 18,500 किमी/घंटा)

    रेंज: लगभग 1,400 किमी

    वॉरहेड क्षमता: 460 किलोग्राम

    सटीकता: लगभग 10 मीटर का CEP (Circular Error Probable)

    इसकी सुपर-सोनिक गति और मेन्युवरेबल ट्रैजेक्टरी इसे इज़रायल जैसे अत्याधुनिक रक्षा प्रणाली वाले राष्ट्र के लिए भी एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य बनाती है.

    विशेषताएं जो इसे अलग बनाती हैं

    हाइपरमेन्युवरेबिलिटी: यह मिसाइल उड़ान के दौरान दिशा बदल सकती है, जिससे परंपरागत रडार और एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम को इसे इंटरसेप्ट करना कठिन हो जाता है.

    GPS-रहित लक्ष्य भेदन: ईरान का दावा है कि फतेह-1 जीपीएस जामिंग के बावजूद निशाना भेद सकती है, यह इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर के युग में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.

    डिफेंस सैचुरेशन स्ट्रैटेजी: ईरान पहले ड्रोन और साधारण मिसाइलों से हमला करता है ताकि इज़रायल के डिफेंस सिस्टम (Iron Dome, Arrow-3) व्यस्त रहें, फिर फतेह-1 जैसे एडवांस हथियारों से सटीक हमला करता है.

    इज़रायल के लिए बढ़ती सुरक्षा चुनौती

    इज़रायल की बहुस्तरीय रक्षा प्रणाली- जिसमें Iron Dome, David’s Sling, और Arrow-3 शामिल हैं, को अब तक विश्व की सर्वश्रेष्ठ डिफेंस शील्ड माना जाता रहा है.

    लेकिन फतेह-1 जैसी मिसाइलें, जो न केवल रफ्तार में तेज हैं बल्कि पारंपरिक डिफेंस इंटरसेप्ट सिस्टम को चकमा दे सकती हैं, अब इस रक्षा मॉडल को गंभीर पुनर्मूल्यांकन की ओर ले जा रही हैं.

    रणनीतिक मायने और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव

    क्षेत्रीय संतुलन में बदलाव: यह मिसाइल न केवल इज़रायल बल्कि सऊदी अरब, यूएई और अन्य खाड़ी देशों के लिए भी रणनीतिक खतरा बन सकती है.

    स्वदेशी सैन्य तकनीक में आत्मनिर्भरता: ईरान ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद अपनी मिसाइल क्षमताओं में प्रभावशाली आत्मनिर्भरता प्रदर्शित की है. विशेषज्ञ मानते हैं कि तकनीकी रूप से इसमें रूस, चीन और उत्तर कोरिया से अप्रत्यक्ष सहयोग हो सकता है.

    हथियारों की नई होड़? इस घटना से यह आशंका भी बढ़ी है कि क्या अब हाइपरसोनिक हथियारों की एक नई क्षेत्रीय दौड़ शुरू हो चुकी है?

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