चीन के तियानजिन शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन के दौरान एक ऐसा दृश्य सामने आया जिसने दुनियाभर की मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को एक ही कार में बैठकर सम्मेलन स्थल की ओर जाते देखा गया.
यह केवल एक यात्रा नहीं थी यह वैश्विक राजनीति में एक मजबूत संदेश था. ऐसे समय में जब अमेरिका भारत पर रूस से सस्ते तेल की खरीद को लेकर दबाव बना रहा है, और भारतीय उत्पादों पर भारी शुल्क (50%) लगा चुका है, तब मोदी और पुतिन का साथ यात्रा करना गहरी रणनीतिक दोस्ती का प्रतीक बन गया.
लेकिन जितनी चर्चा इन दोनों नेताओं की मुलाकात की हुई, उतनी ही उत्सुकता उस कार को लेकर भी देखने को मिली, जिसमें ये दोनों बैठे थे. वो कार कोई आम वाहन नहीं थी, वो थी Aurus Senat, एक बेहद हाई-सिक्योरिटी आर्मर्ड लिमोज़ीन.
क्या है Aurus Senat?
Aurus Senat रूस में बनी एक लग्ज़री बख्तरबंद लिमोज़ीन है, जिसे खास तौर पर राष्ट्राध्यक्षों और VVIPs की सुरक्षा को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है. इस कार को रूस के सरकारी संस्थान NAMI (Central Scientific Research Automobile and Automotive Engines Institute) ने विकसित किया है.
यह कार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का आधिकारिक वाहन है और वो अक्सर विदेश दौरों पर भी इसे साथ लेकर जाते हैं.
सुरक्षा: एक चलती-फिरती किला-
1. बुलेटप्रूफ बॉडी और शीशे
Aurus Senat की पूरी बॉडी एक सिंगल स्टील फ्रेम से बनी होती है. इसमें कई परतों वाला कवच (multi-layered armor) होता है, जिसमें स्टील, सिरैमिक, एल्यूमिनियम जैसी धातुओं का उपयोग होता है.
यह 7.62mm की स्नाइपर राइफल की गोली तक रोक सकती है. इसका कवच रूस के BR5 या यूरोप के VR10 मानक पर आधारित है.
कार के शीशे 6 सेमी से ज्यादा मोटे होते हैं, और ये भी हाई-कैलिबर गोलियों को झेलने में सक्षम होते हैं.
2. बम और विस्फोट से बचाव
कार के नीचे और छत पर बम-रोधी प्लेटें लगी होती हैं, जो IED, ग्रेनेड या अन्य विस्फोटकों के असर को झेल सकती हैं.
इसका ढांचा इतना मजबूत होता है कि धमाके की स्थिति में भी कार का केबिन सुरक्षित रहता है.
3. रासायनिक हमलों से सुरक्षा
इसमें एक एयर प्यूरीफायर सिस्टम होता है, जो जहरीली गैसों, बायोलॉजिकल एजेंट्स और केमिकल वेपन्स से केबिन को सुरक्षित रखता है.
यदि बाहरी माहौल खतरनाक हो, तो यह सिस्टम केबिन को सील कर देता है और अंदर सिर्फ शुद्ध ऑक्सीजन देता है.
परफॉर्मेंस: ताकत और रफ्तार दोनों
इंजन: इसमें 4.4-लीटर ट्विन-टर्बो V8 हाइब्रिड इंजन है, जो लगभग 598 हॉर्सपावर उत्पन्न करता है.
यह लगभग 6,500 किलोग्राम वजनी कार सिर्फ 6 सेकंड में 0 से 100 km/h की रफ्तार पकड़ सकती है.
इसमें run-flat टायर्स हैं, जो टायर पंचर या फटने के बावजूद 80 km/h की गति से 80 किलोमीटर तक चल सकते हैं.
अल्ट्रा-हाई सिक्योरिटी फीचर्स-
सेल्फ-सीलिंग फ्यूल टैंक
गोलियों से छेद होने की स्थिति में भी फ्यूल टैंक रिसाव या विस्फोट नहीं करता. यह एक खास पॉलिमर से बना होता है.
फायर फाइटिंग सिस्टम
इंजन या अंडरबॉडी में आग लगने पर यह स्वचालित सिस्टम तुरंत प्रतिक्रिया देता है और आग बुझा देता है.
इमरजेंसी एग्जिट ऑप्शन
अगर दरवाज़े किसी कारण से न खुलें, तो कार की पिछली विंडो को इमरजेंसी निकास के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
इंटरकॉम और कम्युनिकेशन सिस्टम
कार में लगे इंटरकॉम से बिना दरवाज़ा खोले बाहर के लोगों से बात की जा सकती है. इसमें एक हाफ-डुप्लेक्स सिस्टम होता है ताकि एक बार में सिर्फ एक व्यक्ति बात कर सके — यह अतिरिक्त सुरक्षा सुनिश्चित करता है.
CCTV और 360-डिग्री व्यू
कार के अंदर स्क्रीन लगी होती हैं, जो बाहर की लाइव फीड दिखाती हैं. इससे अंदर बैठे लोग बाहरी हालात पर नजर रख सकते हैं.
क्या हैं इस कार के गुप्त फीचर्स?
Aurus Senat के कुछ फीचर्स ऐसे हैं जिनकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती. ये फीचर्स राष्ट्राध्यक्षों की विशेष सुरक्षा आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किए जाते हैं. कुछ संभावित गुप्त विशेषताएं:
क्या यह कार चीन ने दी थी?
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि तियानजिन में पुतिन को यह कार चीन की ओर से दी गई थी, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है. चूंकि Aurus Senat रूस में ही बनाई जाती है और पुतिन इसे अक्सर अंतरराष्ट्रीय दौरों में अपने साथ लाते हैं, इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार रूस के काफिले का ही हिस्सा थी.
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