चोटी काटने से लेकर पुलिस पर हमले तक… इटावा में कथा कैसे बनी कांड? जानिए सब कुछ

    मुकुट मणि और संत कुमार नामक दो कथावाचक एक ब्राह्मण परिवार द्वारा आयोजित धार्मिक कथा में आमंत्रित किए गए थे. आयोजक परिवार का आरोप है कि कथावाचकों ने खुद को ब्राह्मण बताते हुए पूजा-पाठ करवाया और कथित रूप से आयोजनकर्ता की पत्नी के साथ अनुचित व्यवहार किया.

    Etawah Kathavachak attack Hindu-Yadav Caste conflict
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    उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के दांदरपुर गांव में जो कुछ हुआ, वह केवल एक धार्मिक आयोजन में आई खलल नहीं था, बल्कि यह एक सामाजिक टकराव, जातीय पहचान और राजनीतिक दावपेंचों की ज़मीन पर घटित एक जटिल और चिंताजनक मामला बन गया है. कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगियों के साथ हुए बर्ताव ने पूरे प्रदेश में बहस छेड़ दी है. 

    कथा में उलझी जाति की पहचान

    मुकुट मणि और संत कुमार नामक दो कथावाचक एक ब्राह्मण परिवार द्वारा आयोजित धार्मिक कथा में आमंत्रित किए गए थे. आयोजक परिवार का आरोप है कि कथावाचकों ने खुद को ब्राह्मण बताते हुए पूजा-पाठ करवाया और कथित रूप से आयोजनकर्ता की पत्नी के साथ अनुचित व्यवहार किया. जब यह खुलासा हुआ कि दोनों कथावाचक यादव जाति से हैं, तो गांव में तनाव फैल गया.

    चोटी काटी, सिर मुंडवाया, गांव से निकाला

    घटना यहीं नहीं रुकी. कथावाचकों पर हमला किया गया, उनकी चोटी काट दी गई, सिर मुंडवा दिया गया और उन्हें गांव से बाहर कर दिया गया. इस पूरे अपमानजनक व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया.

    कार्रवाई पर उठा सवाल

    कथावाचकों पर छेड़छाड़ और गलत पहचान का आरोप लगाते हुए आयोजकों ने थाने में एफआईआर दर्ज कराई. वहीं कथावाचकों की ओर से भी मारपीट और अभद्रता के खिलाफ मामला दर्ज हुआ. पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन इस पर ब्राह्मण संगठनों ने विरोध जताया और कहा कि पुलिस केवल एकतरफा कार्रवाई कर रही है.

    अहीर रेजिमेंट का विरोध प्रदर्शन और पुलिस पर पथराव

    जैसे ही मामला जातिगत रंग लेने लगा, अहीर रेजिमेंट और गगन यादव के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोग गांव पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस के रोकने पर उपद्रवियों ने पथराव किया, जिसमें कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं. जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज और फायरिंग कर हालात पर काबू पाया. दर्जनों प्रदर्शनकारी गिरफ्तार हुए और कई वाहनों को सील कर दिया गया.

    अखिलेश यादव का हमला

    समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना को जातीय भेदभाव का उदाहरण बताते हुए कहा, “किस धर्मग्रंथ में लिखा है कि यादव जाति का व्यक्ति कथा नहीं कह सकता?” उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी और मुकुट मणि के अपमान पर तीखी प्रतिक्रिया दी. साथ ही पीड़ितों को सम्मानित भी किया और चेतावनी दी कि यदि न्याय न मिला तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

    सीएम योगी का सख्त संदेश

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रदेश में जातीय विद्वेष फैलाने की किसी भी कोशिश को सख्ती से कुचला जाए. उन्होंने कौशांबी, इटावा और औरैया जैसी घटनाओं को "सुनियोजित षड्यंत्र" करार देते हुए आरोपियों की सार्वजनिक पहचान और तुरंत कार्रवाई का आदेश दिया.

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