जयपुर और कोटा में ED की छापेमारी, लग्जरी गाड़ियां और 78 लाख कैश बरामद, कारों का नाम सुन उड़ जाएंगे तोते

    Jaipur News: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजस्थान के जयपुर और कोटा जिलों में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया. डेबॉक इंडस्ट्रीज लिमिटेड (DIL) के खिलाफ हुई इस छापेमारी में 78 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और कई लग्जरी कारें बरामद की गई हैं, जिनकी कीमतें सुनकर हर किसी के होश उड़ गए.

    ED raids in Jaipur and Kota Luxury cars and Rs 78 lakh cash recovered
    Image Source: Social Media

    Jaipur News: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजस्थान के जयपुर और कोटा जिलों में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया. डेबॉक इंडस्ट्रीज लिमिटेड (DIL) के खिलाफ हुई इस छापेमारी में 78 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और कई लग्जरी कारें बरामद की गई हैं, जिनकी कीमतें सुनकर हर किसी के होश उड़ गए. इन कारों में Rolls Royce Phantom, Bentley Mulsanne, Mercedes G-Wagon (Brabus) और Toyota Land Cruiser शामिल हैं, जिन्हें जब्त किया गया.

    ईडी की छापेमारी का उद्देश्य

    यह छापेमारी कंपनी के चेयरमैन मुकेश महावर उर्फ मुकेश मनवीर सिंह और उनके सहयोगियों के आवास और दफ्तरों पर की गई. ईडी ने यह कार्रवाई राजस्थान पुलिस की एफआईआर और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा दाखिल शिकायत के आधार पर शुरू की. ईडी के अधिकारियों ने पाया कि कंपनी ने अपने निचले स्तर के कर्मचारियों को निदेशक बनाकर शेयर बाजार को गुमराह किया.

    फर्जी लेनदेन और राउंड ट्रिपिंग

    प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि डेबॉक इंडस्ट्रीज ने राइट्स इश्यू के जरिए जून 2023 में करीब 49.09 करोड़ रुपये जुटाए थे. लेकिन इस धन का दुरुपयोग करते हुए कंपनी ने शेयर की कीमतें कृत्रिम रूप से बढ़ाई और निवेशकों से धोखाधड़ी की. इसके साथ ही, कंपनी ने फर्जी बैंक खातों का इस्तेमाल किया, झूठे लेन-देन किए और राउंड ट्रिपिंग की. इसके जरिए प्रमोटर्स और उनके सहयोगियों ने शेयर बाजार में गलत तरीके से दाखिल होकर पैसे को निजी लाभ के लिए हड़प लिया.

    नकदी और दस्तावेजों की बरामदगी

    ईडी ने अपनी छापेमारी के दौरान 78 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी के साथ-साथ कई आपत्तिजनक दस्तावेज, बैंकिंग रिकॉर्ड और डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए हैं. इसके अलावा, जो लग्जरी कारें जब्त की गईं हैं, वे कंपनी के अनधिकृत लाभ की ओर इशारा करती हैं. यह मामला न केवल धन के दुरुपयोग का है, बल्कि यह निवेशकों की सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा खतरा बनकर सामने आया है.

    ये भी पढ़ें: पुलिस में नहीं हुआ सिलेक्शन तो बनी फर्जी SI, वर्दी में ली ट्रेनिंग, सोशल मीडिया पर किया भौकाल टाइट, ऐसे खुली पोल