डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर आए दिन नए-नए धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं. अब ठगों ने एक और नया तरीका अपनाया है. सरकारी योजनाओं के नाम पर भोले-भाले लोगों को जाल में फंसाने का. हाल ही में एक फर्जी वेबसाइट का मामला सामने आया है, जिसमें दावा किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐसी योजना शुरू की है, जिससे आम नागरिक प्रतिदिन ₹10,000 तक कमा सकते हैं. इस दावे को प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक टीम ने पूरी तरह फर्जी और भ्रामक बताया है.
क्या है पूरा मामला?
एक वेबसाइट वायरल हो रही थी, जिसमें यह दावा किया जा रहा था कि प्रधानमंत्री मोदी की "नई योजना" के कारण अब लोग एटीएम के बाहर लंबी कतारें लगा रहे हैं क्योंकि उन्हें हर दिन ₹10,000 मिल रहे हैं. साइट पर यह भी कहा गया कि कई लोग पहले महीने में ₹80,000 से ₹3.5 लाख तक कमा चुके हैं. लेकिन यह दावा पूरी तरह झूठा और भ्रामक है. PIB ने स्पष्ट किया कि सरकार ने ऐसी कोई स्कीम लॉन्च नहीं की है, और इस वेबसाइट का मकसद केवल लोगों से उनकी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी ठगना है.
🕵️♂️ #Fraudulent_Website_Alert
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) May 15, 2025
A #FAKE website is falsely claiming that Prime Minister Narendra Modi has launched a project allowing citizens to earn up to ₹10,000 per day.
🔍 #PIBFactCheck
📣 The Government of India has NOT made any such announcement.
⚠️ Be cautious! Do NOT… pic.twitter.com/Bf1Q4BhQPb
PIB ने क्या चेतावनी दी?
PIB फैक्ट चेक ने ट्वीट करते हुए कहा कि "एक वेबसाइट झूठा दावा कर रही है कि भारत सरकार द्वारा शुरू की गई योजना के तहत लोग प्रतिदिन ₹10,000 कमा सकते हैं. यह फर्जी है. कृपया अपनी जानकारी साझा न करें." उन्होंने नागरिकों को आगाह किया कि इस प्रकार के झूठे वादों के बहकावे में न आएं और ऐसी वेबसाइटों पर कोई व्यक्तिगत या बैंक संबंधित जानकारी न भरें.
सोशल मीडिया पर भी चल रही धोखाधड़ी
इस बीच, फेसबुक ने भी खुलासा किया था कि उन्होंने भारत और ब्राजील में 23,000 से अधिक फर्जी पेज और अकाउंट्स हटाए, जो नकली स्कीमों और जुए की वेबसाइटों को प्रमोट कर रहे थे. ये अकाउंट्स डीपफेक तकनीक का उपयोग कर क्रिकेटर्स, फाइनेंशियल इनफ्लुएंसर्स और बिज़नेस आइकॉन्स की नकल कर रहे थे, ताकि लोगों को अधिक प्रभावी ढंग से ठगा जा सके.
कैसे बचें ऐसे फ्रॉड से?
किसी भी अनजान वेबसाइट पर अपनी पर्सनल डिटेल्स न डालें. ऑफिशियल स्कीम की जानकारी के लिए gov.in या PIB के आधिकारिक स्रोतों पर ही भरोसा करें. कोई स्कीम अगर "बहुत अच्छी लगती है सच होने के लिए", तो वो फर्जी भी हो सकती है. संदिग्ध दावों को सोशल मीडिया पर शेयर करने से पहले उसकी फैक्ट चेकिंग जरूर करें.
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