अब कोई भी सेफ नहीं! रूस पर भीषण ड्रोन अटैक से हिली दुनिया, अमेरिका में क्यों फैली दहशत? जानिए

    रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष ने अब एक नया और चौंकाने वाला मोड़ ले लिया है. यूक्रेन ने ऐसा हमला किया है जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी.

    drone attack on Russia panic in America
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष ने अब एक नया और चौंकाने वाला मोड़ ले लिया है. यूक्रेन ने ऐसा हमला किया है जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी — रूस के पांच एयरबेस पर एक साथ ड्रोन अटैक. हैरान करने वाली बात यह है कि इन बेसों में से कुछ साइबेरिया में स्थित हैं, जो यूक्रेन से करीब 4,000 किलोमीटर दूर हैं.

    यूक्रेनी अधिकारियों का दावा है कि इस हमले में रूस के कम से कम 41 न्यूक्लियर कैपेबल बॉम्बर्स, जैसे Tu-95 और Tu-22M3, और एक A-50 AEWAC एयरक्राफ्ट को तबाह कर दिया गया. इसे रूस की सामरिक हवाई क्षमता पर अब तक का सबसे गंभीर हमला माना जा रहा है — एक ऐसा वार जिसने रूस की न्यूक्लियर स्ट्राइक सिस्टम को सीधे निशाना बनाया.

    अमेरिका को भी सताई चिंता

    इस हमले के बाद अमेरिकी सुरक्षा विश्लेषकों में भी बेचैनी बढ़ गई है. द वॉर ज़ोन के एडिटर-इन-चीफ और रक्षा मामलों के जानकार टायलर रोगावे ने इस पर गंभीर चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, “यह केवल रूस की कहानी नहीं है. अमेरिका को यह समझना होगा कि ऐसा हमला कल उसके साथ भी हो सकता है.”

    रोगावे ने अपने X पोस्ट (पूर्व ट्विटर) में अमेरिकी एयरबेस की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने बताया कि अमेरिका के एयरबेस पर एयरक्राफ्ट शेल्टर तक नहीं हैं, जबकि चीन ने हाल ही में 400 हार्डन शेल्टर्स बनाए हैं और अमेरिका ने महज 22.

    रनवे पर ही तय हो सकती है जंग की हार

    एक और चिंताजनक पहलू यह है कि अमेरिका और चीन के बीच ताइवान को लेकर अगर जंग होती है, तो अमेरिका के ज्यादातर विमान रनवे पर ही नष्ट हो सकते हैं. 2023 में हुए CSIS वॉरगेम में यही चेतावनी दी गई थी. यानी जंग हवा में नहीं, ज़मीन पर तय होगी.

    यूएफओ या दुश्मन के ड्रोन?

    टायलर रोगावे ने एक और बड़ा दावा करते हुए कहा कि अमेरिका में देखे गए कई UFO असल में विदेशी जासूसी ड्रोन हो सकते हैं, न कि एलियन टेक्नोलॉजी. उन्होंने अपने पुराने आर्टिकल का हवाला देते हुए बताया कि ये कम तकनीक वाले UAVs हैं, जिनका उद्देश्य अमेरिका की रक्षा व्यवस्था की जासूसी करना है.

    रूस की रीढ़ पर सीधा हमला

    यूक्रेन का यह हमला केवल विमानों को उड़ाने तक सीमित नहीं रहा. Tu-95 और Tu-22M3 जैसे बॉम्बर्स रूस की परमाणु हमले की रीढ़ माने जाते हैं. वहीं, A-50 विमान रूस की एयरबोर्न वार्निंग और कंट्रोल सिस्टम का अहम हिस्सा है. यूक्रेन ने इन महत्वपूर्ण संसाधनों को निशाना बनाकर रूस की रणनीतिक क्षमताओं को सीधा झटका दिया है.

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