मगरमच्छों को खिलाता था लाशें, 50 हत्याओं के बाद गिनती याद नहीं... कैसे पकड़ा गया डॉक्टर डेथ?

    नई दिल्लीः देवेंद्र की कहानी की शुरुआत अलीगढ़ से होती है, जहां उसने आयुर्वेद की पढ़ाई पूरी करने के बाद लगभग 11 साल तक बांदीकुई, राजस्थान में ‘जनता क्लीनिक’ के नाम से मेडिकल प्रैक्टिस की.

    Doctor Death dead bodies to crocodiles 50 murders
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    नई दिल्लीः कहानी किसी थ्रिलर फिल्म की तरह लगती है, लेकिन यह हकीकत है — एक ऐसा शातिर अपराधी, जिसने डॉक्टरी की पढ़ाई की, इलाज के नाम पर झूठा चोला ओढ़ा, गैस एजेंसी की आड़ में लूटपाट की, फिर किडनी रैकेट चलाया और अंततः हत्याओं का ऐसा सिलसिला शुरू किया कि गिनती भी भूल गया. हम बात कर रहे हैं 'डॉक्टर डेथ' के नाम से कुख्यात देवेंद्र शर्मा की, जिसे हाल ही में दिल्ली पुलिस ने राजस्थान के दौसा जिले के एक आश्रम से गिरफ्तार किया. पुजारी के भेष में छिपकर रह रहा यह खूंखार अपराधी कानून से 11 महीने तक आंख-मिचौली खेलता रहा.

    देवेंद्र की पूरी कहानी

    देवेंद्र की कहानी की शुरुआत अलीगढ़ से होती है, जहां उसने आयुर्वेद की पढ़ाई पूरी करने के बाद लगभग 11 साल तक बांदीकुई, राजस्थान में ‘जनता क्लीनिक’ के नाम से मेडिकल प्रैक्टिस की. लेकिन, यह शांत जीवन ज्यादा दिन नहीं चला. डॉक्टरी छोड़कर वह अलीगढ़ लौट आया और गैस एजेंसी खोलने की योजना बनाई, लेकिन धोखे का शिकार होकर भारी नुकसान उठाना पड़ा. इसी नुकसान की भरपाई के लिए उसने अपराध की राह चुनी.

    शुरुआत की एक फर्जी गैस एजेंसी से, फिर तेल कंपनियों के ट्रक लूटे और जल्द ही वह अवैध किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट में उतर आया. 1998 से 2004 के बीच देवेंद्र ने दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में 125 से ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट कराए. इसके बदले उसे हर केस में लाखों रुपये मिलते. इतने पैसे और क्राइम नेटवर्क के बावजूद देवेंद्र का लालच नहीं रुका.

    21 टैक्सी चालकों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार

    इसके बाद शुरू हुआ वह सिलसिला, जिसने उसे ‘डॉक्टर डेथ’ बना दिया. देवेंद्र दिल्ली से टैक्सी बुक करता, फिर रास्ते में ड्राइवर की हत्या कर उसकी लाश को उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले की एक मगरमच्छों से भरी नहर में फेंक देता. सबूतों के नाम पर कुछ नहीं बचता. गाड़ियों को वह कबाड़ के भाव में बेच देता था. धीरे-धीरे यह उसका ‘सिस्टम’ बन गया. उसने ऐसा अकेले नहीं किया, बल्कि एक गैंग भी खड़ा कर लिया था.

    जब हत्याओं का राज फूटा, तो पुलिस ने उसे 21 टैक्सी चालकों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया. हालांकि, खुद देवेंद्र ने कबूल किया कि उसने 50 से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतारा है और अब उसे गिनती भी याद नहीं. मगर सबूत न मिलने की वजह से कोर्ट ने उसे केवल सात हत्याओं के लिए दोषी ठहराया और उम्रकैद की सजा सुनाई.

    मोबाइल रिचार्ज से मिला सुराग

    देवेंद्र की जिंदगी में मोड़ तब आया जब उसे अच्छे व्यवहार के कारण 2023 में जयपुर सेंट्रल जेल से दो महीने की पैरोल मिली, लेकिन यह पैरोल उसकी नई फरारी की पटकथा बन गई. वह जेल नहीं लौटा और पुलिस के लिए फिर से 'गायब' हो गया. दिल्ली, अलीगढ़ और जयपुर में महीनों की तलाश के बाद पुलिस को एक अहम सुराग मिला — राजस्थान के दौसा जिले में उसका मोबाइल रिचार्ज हुआ था.

    जब पुलिस दौसा पहुंची तो उन्हें जानकारी मिली कि एक आश्रम में एक 'पुजारी' रह रहा है, जिसकी हरकतें संदिग्ध हैं. सादी वर्दी में एक जवान ने भक्त बनकर उसका भरोसा जीता और एक हफ्ते की निगरानी के बाद पुष्टि हो गई कि यही पुजारी असल में 'डॉक्टर डेथ' देवेंद्र शर्मा है. इसके बाद पुलिस ने उसे धर दबोचा.

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