विमान हादसे के बाद DGCA हुआ सख्त, सभी उड़ानों की होगी सघन जांच

    अहमदाबाद में हाल ही में हुए विमान हादसे के बाद भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए देश में संचालित सभी वाणिज्यिक विमानों की तकनीकी जांच अनिवार्य कर दी है.

    DGCA Strict action on full control switches
    Image Source: ANI

    अहमदाबाद में हाल ही में हुए विमान हादसे के बाद भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए देश में संचालित सभी वाणिज्यिक विमानों की तकनीकी जांच अनिवार्य कर दी है. यह फैसला 12 जून, 2025 को हुई एक गंभीर घटना की जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद लिया गया है.

    क्या है मामला?

    12 जून को एयर इंडिया के एक विमान की अहमदाबाद में आपात स्थिति में लैंडिंग के दौरान दुर्घटना हो गई थी. इस हादसे की जांच कर रही एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि विमान के दोनों इंजनों में ईंधन नियंत्रण करने वाले फ्यूल कंट्रोल स्विच अचानक "रन" से "कटऑफ" स्थिति में चले गए थे, यानी विमान के दोनों इंजन अचानक बंद हो गए थे.

    DGCA की सख्त चेतावनी और निर्देश

    इस रिपोर्ट के आधार पर DGCA ने देश की सभी विमानन कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे 21 जुलाई, 2025 तक अपने बेड़े में शामिल कुछ खास प्रकार के विमानों की फ्यूल स्विच लॉकिंग प्रणाली की अनिवार्य जांच कर लें. DGCA का कहना है कि इस सिस्टम में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी तकनीकी खामी सामने आ चुकी है, जो यात्रियों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकती है.

    किन विमानों पर लागू होंगे ये निर्देश?

    DGCA द्वारा जारी आदेश इन विमानों पर लागू होगा:

    • Boeing 717-200
    • Boeing 737 सीरीज (700, 700C, 800, 900ER, 737-8, 737-9)
    • Boeing 747 सीरीज (400, 400D, 400F, 8, 8F)
    • Boeing 757 सीरीज (200, 200CB, 200PF, 300)
    • Boeing 767 सीरीज (200, 300, 300F, 400ER, 2C)
    • Boeing 787 सीरीज (8, 9, 10)
    • MD-11 और MD-11F
    • MD-90-30. इन विमानों के फ्यूल सिस्टम, खासकर इंजन फ्यूल स्विच लॉकिंग मैकेनिज्म की गहन जांच की जाएगी ताकि किसी भी संभावित खामी को समय रहते ठीक किया जा सके.

    सुरक्षा में कोई समझौता नहीं

    DGCA ने स्पष्ट किया है कि यह कदम पूरी तरह से यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है. किसी भी विमान में यदि इस सिस्टम में दोष पाया जाता है, तो संबंधित विमान को सेवा से तत्काल हटाया जाएगा, जब तक कि तकनीकी समस्या पूरी तरह से ठीक न हो जाए.

    क्या है समयसीमा?

    DGCA ने सभी एयरलाइन कंपनियों को निर्देश दिया है कि 21 जुलाई, 2025 तक संबंधित विमानों की तकनीकी जांच पूरी कर ली जाए. इसके बाद ही वे विमान संचालन की अनुमति प्राप्त कर सकेंगे.

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