DGCA summons Indigo: देश की सबसे बड़ी बजट एयरलाइन इंडिगो पिछले कुछ दिनों से गंभीर परिचालन संकट से गुजर रही है. एक हफ्ते के भीतर बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द होने और देरी की घटनाओं ने यात्रियों को भारी मुश्किल में डाल दिया है. इसी बढ़ते हड़कंप को देखते हुए नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एयरलाइन के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए जांच को तेज कर दिया है.
इंडिगो में लगातार बढ़ रही समस्याओं को देखते हुए DGCA ने एक चार-सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है, जिसे संकट से जुड़े सभी पहलुओं की जांच का जिम्मा सौंपा गया है. यह टीम एयरलाइन के संचालन, तकनीकी प्रबंधन और क्रू शेड्यूलिंग से जुड़े रिकॉर्ड का विश्लेषण कर रही है.
समिति ने इंडिगो के CEO पीटर एलबर्स सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों को इस हफ्ते पूछताछ के लिए दिल्ली स्थित DGCA मुख्यालय में बुलाया है. अधिकारियों को यह बताना होगा कि इतनी बड़ी संख्या में उड़ानें एक साथ रद्द होने के पीछे असल वजह क्या थी और एयरलाइन ने हालात को संभालने के लिए कौन-से कदम उठाए.
3900 उड़ानें रद्द होने से बढ़ा अव्यवस्था का दायरा
पिछले छह दिनों में इंडिगो ने करीब 3900 उड़ानें रद्द कीं या लंबी देरी से चलाईं. इस स्तर का व्यवधान भारतीय उड्डयन इतिहास में बेहद कम देखा गया है. रद्द उड़ानों की यह संख्या संकेत देती है कि समस्या केवल तकनीकी नहीं, बल्कि संभवतः एयरलाइन के आंतरिक प्रबंधन से भी जुड़ी हो सकती है.
जांच टीम यह समझने की कोशिश कर रही है कि क्या यह संकट अचानक पैदा हुआ या एयरलाइन पहले से इसकी संभावना जानती थी. साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि यात्रियों को समय रहते पर्याप्त जानकारी क्यों नहीं दी गई.
यात्रियों की परेशानियों ने बढ़ाई DGCA की चिंता
इंडिगो के परिचालन में आई इस अव्यवस्था का सबसे ज्यादा असर यात्रियों पर पड़ा. देशभर के एयरपोर्ट्स पर लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ा, कई यात्रियों की अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिंग फ्लाइट्स छूट गईं और कई लोगों को अतिरिक्त होटल व यात्रा खर्च उठाने पड़े.
सोशल मीडिया पर हजारों शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें यात्रियों ने एयरलाइन के कंट्रोल रूम और कस्टमर सपोर्ट सिस्टम पर गंभीर सवाल उठाए. DGCA इन शिकायतों को भी जांच में शामिल कर रहा है ताकि पता लगाया जा सके कि एयरलाइन ने यात्रियों के अधिकारों को लेकर कौन-से नियमों का उल्लंघन किया.
पर्यटन उद्योग को भी हुआ बड़ा नुकसान
इंडिगो की उड़ानों में आई इस बाधा का असर सिर्फ यात्रियों पर ही नहीं पड़ा, बल्कि पर्यटन उद्योग पर भी गहरा असर हुआ. दिसंबर–जनवरी के पीक सीजन में राजस्थान, गोवा, केरल जैसे राज्यों में आने वाले यात्रियों की बुकिंग्स भारी संख्या में रद्द हुईं, जिससे स्थानीय पर्यटन और होटल व्यवसाय को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा. उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि अगर संकट कुछ और दिनों तक चला, तो इसका असर पूरे सीजन की कमाई पर पड़ सकता है.
एयरलाइन पर लग सकता है भारी जुर्माना
DGCA ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि जांच में संचालन और प्रबंधन में लापरवाही साबित होती है, तो एयरलाइन पर भारी वित्तीय दंड लगाया जा सकता है. साथ ही DGCA यह भी सुनिश्चित करेगा कि यात्रियों को लागू नियमों के अनुसार मुआवजा मिले.
अगर संकट का कारण क्रू मैनेजमेंट की विफलता या आंतरिक समन्वय की कमी निकलती है, तो DGCA एयरलाइन को अपनी प्रणाली में बड़े बदलाव लागू करने के निर्देश भी दे सकता है.
DGCA यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सतर्क
DGCA का कहना है कि वह स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए हुए है और यात्रियों के हित सर्वोच्च प्राथमिकता है. जांच समिति अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करेगी, जिसके बाद DGCA आगे की कार्रवाई तय करेगा. एजेंसी का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में इस तरह की अव्यवस्था दोबारा न हो और एयरलाइनें अपने परिचालन मानकों का कड़ाई से पालन करें.
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