ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सबसे तेज शतक, SA के लिए सबसे बड़ा स्कोर... 'बेबी एबी' ने बदल डाले कई रिकॉर्ड

    जूनियर एबी डिविलियर्स के नाम से चर्चित दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज डेवाल्ड ब्रेविस ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक बार फिर धमाल मचा दिया है.

    Dewald Brevis scored the fastest century against Australia
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ Sociel Media

    नई दिल्ली: जूनियर एबी डिविलियर्स के नाम से चर्चित दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज डेवाल्ड ब्रेविस ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक बार फिर धमाल मचा दिया है. 22 साल के युवा बल्लेबाज ने महज 41 गेंदों में अपना शतक पूरा कर नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं. यह शतक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 क्रिकेट में सबसे तेज शतक है, जो इससे पहले न्यूजीलैंड के मार्टिन गप्टिल के नाम था, जिन्होंने 2018 में 49 गेंदों में यह कारनामा किया था.

    ब्रेविस की यह पारी सिर्फ तेज शतक ही नहीं बल्कि दक्षिण अफ्रीका के लिए टी20 में अब तक का सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर भी है. इससे पहले यह रिकॉर्ड फाफ डू प्लेसी के नाम था, जिन्होंने 2015 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 119 रन बनाए थे.

    ब्रेविस ने 56 गेंदों में 125 रन बनाए

    ‘बेबी एबी’ के नाम से मशहूर डेवाल्ड ब्रेविस ने कुल 56 गेंदों में 125 रन बनाए, जिसमें 12 चौके और 8 छक्के शामिल थे. उनकी यह पारी दक्षिण अफ्रीका के लिए दूसरे सबसे तेज टी20 शतक का भी दर्जा रखती है, जहां सबसे तेज शतक डेविड मिलर ने 35 गेंदों में बनाया था.

    ब्रेविस की इस जबरदस्त पारी की बदौलत दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने टी20 इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर 218/7 का बनाया. इससे पहले दक्षिण अफ्रीका का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 201/4 था.

    57 रन पर गिर गए थे तीन विकेट

    यह मुकाबला डार्विन में खेला गया, जहां दक्षिण अफ्रीकी टीम की शुरुआत कुछ खास नहीं रही और तीन विकेट महज 57 रन पर गिर गए थे. लेकिन तब 22 साल के ब्रेविस ने पारी को संभाला और 25 गेंदों में अर्धशतक जड़कर अपनी ताकत दिखाई. उनकी तूफानी बल्लेबाजी ने पूरी गेमिंग तस्वीर ही बदल दी.

    आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स की ओर से खेल चुके ब्रेविस ने इस मैच में ग्लेन मैक्सवेल और जोश हेजलवुड को खासतौर पर निशाना बनाया. उन्होंने मैक्सवेल के चौथे ओवर की पांच गेंदों में 23 रन बटोरते हुए तीन छक्के जमाए. इसके बाद हेजलवुड की गेंदों पर 17 रन बना डाले, जिससे टीम को बड़ा स्कोर बनाने में मदद मिली.

    ये भी पढ़ें- पाकिस्तान ने देखा है ब्रह्मोस की मार, भारत के पास हैं इससे भी खतरनाक हथियार, धरे रह जाएंगे परमाणु बम