नई दिल्ली: दिल्ली में साइबर अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं और इस साल भी राजधानी के लोग साइबर ठगों के निशाने पर रहे हैं. 2025 में अब तक करीब 1,000 करोड़ रुपये की ठगी हो चुकी है, जो चिंता का विषय बन गया है. चौंकाने वाली बात यह है कि इस ठगी की राशि में से सिर्फ 20 प्रतिशत रकम ही सिस्टम के जरिए फ्रीज की जा सकी है. पिछले साल 2024 में यह आंकड़ा 1,100 करोड़ रुपये था, लेकिन तब सिर्फ 10 प्रतिशत रकम को ही होल्ड किया जा सका था.
तुरंत रिपोर्ट करना है सबसे जरूरी
दिल्ली पुलिस की साइबर विंग ने लोगों से अपील की है कि जैसे ही किसी फ्रॉड का पता चले, तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर पर इसकी सूचना दें. DCP (IFSCO) विनीत कुमार का कहना है कि समय पर जानकारी मिलने से बैंक ट्रांजेक्शन को रोका जा सकता है और ठगे गए पैसों को होल्ड में डाला जा सकता है. इसमें देरी करने से ठग पैसे निकालकर गायब हो जाते हैं, जिससे रिकवरी मुश्किल हो जाती है.
इन स्कैम से हो रही सबसे ज्यादा ठगी
1. निवेश के नाम पर धोखाधड़ी
लोगों को जल्दी मुनाफे का लालच देकर उन्हें फर्जी इन्वेस्टमेंट ग्रुप्स में शामिल किया जाता है. पहले थोड़ा फायदा दिखाकर विश्वास बनाया जाता है और फिर बड़ी रकम हड़प ली जाती है.
2. डिजिटल अरेस्ट स्कैम
इस स्कैम में अपराधी खुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी बताकर वीडियो कॉल करते हैं और झूठे केस में फंसाने का डर दिखाकर पैसे वसूलते हैं. कई बार इंटरनेशनल नंबर या फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर लोगों को डराया जाता है.
3. बॉस स्कैम
इसमें ठग किसी कंपनी के अधिकारी या बॉस बनकर कंपनी के अकाउंट्स या फाइनेंस टीम से संपर्क करते हैं. वे फर्जी ईमेल या मैसेज भेजते हैं और किसी जरूरी काम के बहाने बड़ी रकम ट्रांसफर करवा लेते हैं.
खुद को कैसे रखें सुरक्षित?
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