दिल्ली की सड़कों पर आज से एक नया अध्याय शुरू हो रहा है. 2 मई से राजधानी में 400 इलेक्ट्रिक बसें 'देवी' (दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल इंटरकनेक्टर) योजना के तहत परिचालन शुरू करेंगी. कुशक नाला डीटीसी बस डिपो में आयोजित एक भव्य समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और दिल्ली के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इन बसों को हरी झंडी दिखाई.
यातायात क्रांति की नई पहल
छोटे मार्गों के लिए अनूठा समाधान: 9 मीटर लंबी ये बसें 12 किमी तक के छोटे मार्गों पर चलेंगी. पहले चरण में संचालन: गाजीपुर, नागलोई और ईस्ट विनोद नगर डिपो से शुरुआत. लास्ट माइल कनेक्टिविटी: संकरी गलियों को मुख्य मार्गों से जोड़ने का सशक्त माध्यम
बसों की विशेषताएं
दिल्ली के परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने बताया कि ये बसें कई मायनों में खास हैं. इसकी क्षमता: 23 बैठने और 15 खड़े होने की व्यवस्था (6 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित) इसमें मिलने वाली सुविधाओं की अगर बात करें तो सीसीटीवी कैमरा, पैनिक बटन, व्हीलचेयर सुविधा, महिलाओं के लिए पिंक टिकट विकल्प. वहीं इसका किराया भी सिर्फ ₹10 से ₹30 तक (सामान्य यात्रा के लिए) होने वाला है.
पर्यावरण अनुकूल तकनीक
तेज चार्जिंग: मात्र 30 मिनट में पूर्ण चार्ज. रेंज: एक बार चार्ज करने पर 150 किमी तक का सफर. प्रदूषण नियंत्रण: शून्य उत्सर्जन से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार. नागरिकों के लिए विशेष लाभ. बेहतर कनेक्टिविटी: उन मार्गों पर सेवा जहाँ पहले बसें उपलब्ध नहीं थीं. सुगम यात्रा: संकरी गलियों में आसान आवागमन. सुरक्षित परिवहन: उन्नत सुरक्षा सुविधाओं से लैस
भविष्य की योजनाएं
दिल्ली सरकार ने इस योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू करने का निर्णय लिया है. प्रथम चरण: 400 बसों का संचालन. अगले चरण: 280 अतिरिक्त 9 मीटर लंबी बसों की तैनाती. मेट्रो कनेक्टिविटी: मेट्रो स्टेशनों को आसपास के क्षेत्रों से जोड़ना. यह पहल दिल्ली सरकार की 'हर घर बस, हर मोहल्ले बस' की संकल्पना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इन बसों के मार्ग निर्धारण से पहले व्यापक सर्वेक्षण किया गया था, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि अधिकतम नागरिकों को इसका लाभ मिले.
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