दिल्ली को स्वच्छ, सुंदर और सतत विकास की राह पर ले जाने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने ऐलान किया है कि अब स्कूलों, मंदिर-मस्जिदों जैसे धार्मिक स्थलों और बाजारों में सिंगल-यूज प्लास्टिक के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि इस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
मुख्यमंत्री गुप्ता ने साफ कर दिया है कि दिल्ली की सड़कें और सार्वजनिक स्थान अब पहले से अधिक साफ और व्यवस्थित नजर आएंगे. इसके लिए उन्होंने निर्देश जारी किए हैं कि राजधानी की सफाई दिन में दो बार अनिवार्य रूप से की जाएगी. यह योजना न केवल स्वच्छता सुनिश्चित करेगी, बल्कि दिल्ली की छवि को भी निखारेगी.
श्रमिकों के लिए भी किया ऐलान
श्रमिकों के स्वास्थ्य और जीवनस्तर को सुधारने के लिए भी मुख्यमंत्री ने कई घोषणाएं की हैं. अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि अब श्रमिकों और उनके परिवार की सालाना स्वास्थ्य जांच कराई जाएगी. साथ ही, उन्हें दिन में विश्राम के लिए दोपहर से अपराह्न 3 बजे तक का समय निर्धारित किया जाएगा. उन्होंने इस दौरान कहा कि "दिल्ली बीजेपी सरकार उन सभी लोगों की भलाई के लिए काम कर रही है, जो आजीविका की तलाश में इस शहर में आते हैं."
सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन क्यों जरूरी?
सिंगल-यूज प्लास्टिक, जिसे केवल एक बार इस्तेमाल कर फेंक दिया जाता है, पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक होता है. यह जल और भूमि दोनों को प्रदूषित करता है और दशकों तक विघटित नहीं होता. नदियों और समुद्रों में यह प्लास्टिक जलीय जीवन के लिए खतरा बनता जा रहा है. सरकार अब इस दिशा में बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक और री-यूजेबल विकल्पों को बढ़ावा देने पर ज़ोर दे रही है. सीएम रेखा गुप्ता का यह फैसला इस मुहिम को नई दिशा देगा.