दिल्ली के गांव होंगे अपग्रेड, लंदन जैसी होंगी सुविधाएं, अवैध जमीन का झंझट भी होगा खत्म

    Delhi News: दिल्ली के गांवों को भी अब लंदन जैसा इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा. राजधानी के ग्रामीण इलाकों की दशा बदलने के लिए दिल्ली सरकार ने एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है.

    Delhi Government s Master Plan for villages
    Meta AI

    Delhi News: दिल्ली के गांवों को भी अब लंदन जैसा इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा. राजधानी के ग्रामीण इलाकों की दशा बदलने के लिए दिल्ली सरकार ने एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है. PWD मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने सोमवार को मास्टर प्लान 2041 को लेकर कई अहम घोषणाएं कीं. उन्होंने बताया कि यह मास्टर प्लान अब अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही इसे पूरी तरह लागू किया जाएगा. इसका सीधा फायदा दिल्ली के करीब 48 गांवों को मिलेगा, जिन्हें आधुनिक और विकसित रूप देने की तैयारी है.

    अवैध जमीन का झंझट खत्म

    मास्टर प्लान 2041 लागू होने के बाद सबसे बड़ी राहत उन लोगों को मिलेगी जो वर्षों से अपनी जमीन के वैध दस्तावेजों के लिए संघर्ष कर रहे थे. खासतौर पर लाल डोरे की जमीनों पर रहने वाले लोग अब कानूनी रूप से मालिकाना हक पा सकेंगे. सरकार ने ऐलान किया है कि पहली रजिस्ट्री बिल्कुल मुफ्त होगी. अब इन जमीनों पर घर बनाने, व्यवसाय शुरू करने और बेचने का रास्ता साफ हो जाएगा.

    गांवों को मिलेगा शहरी रूप

    अर्बनाइजेशन के तहत इन गांवों में सड़क, सीवरेज सिस्टम, स्ट्रीट लाइट, स्कूल, अस्पताल, और पानी की निर्बाध आपूर्ति जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी. PWD मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार केवल योजना बनाने में नहीं, बल्कि उसे जमीन पर उतारने में विश्वास रखती है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि मास्टर प्लान 2041 के बाद गांवों की पहचान पूरी तरह से बदल जाएगी.

    किसानों की सुनवाई और समाधान

    इस मौके पर मंत्री ने दरियापुर खुर्द गांव में एक नई चौपाल का उद्घाटन किया और दौलतपुर गांव में किसानों से मुलाकात की, जहां किसान अपनी मांगों को लेकर अनशन पर बैठे थे. मंत्री के आश्वासन के बाद किसानों ने अपना अनशन खत्म कर दिया.

    100 दिन का रिपोर्ट कार्ड

    दिल्ली सरकार के 100 दिन पूरे होने पर मंत्री ने कहा कि अब "ब्लेम गेम" का दौर खत्म हो गया है. अब कोई मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री या एलजी पर उंगली नहीं उठाता, बल्कि हर कोई अपने काम की जिम्मेदारी ले रहा है. इसके साथ ही उन्होंने यमुना सफाई को सरकार की दूसरी प्रमुख प्राथमिकता बताया.

    ये भी पढ़ें: 1981 से क्यों बंद है कुतुब मीनार का ये हिस्सा? जानिए उस दर्दनाक हादसे की कहानी जिसने हमेशा के लिए लगा दिया ताला