Delhi News: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में कांवड़ यात्रा और आगामी रामलीला आयोजनों के लिए कई अहम फैसले लिए. इस बैठक में ऊर्जा मंत्री आशीष सूद और मंत्री कपिल मिश्रा भी मौजूद थे. कांवड़ यात्रा और रामलीला के आयोजन के लिए किए गए इन फैसलों से राजधानी में धार्मिक आयोजनों को लेकर सरकार का नया दृष्टिकोण साफ नजर आता है.
कांवड़ यात्रा के लिए सरकार ने दी बड़ी राहत
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कांवड़ शिविरों के आयोजन को लेकर एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है. इस बार कांवड़ यात्रा के लिए 374 शिविरों को मंजूरी दी गई है, जो पिछले साल से कहीं ज्यादा है. पिछले साल केवल 170 शिविरों को ही अनुमति मिली थी. मुख्यमंत्री ने इसे सरकार पर जनता के बढ़ते विश्वास का प्रमाण बताया. सभी शिविर आयोजकों का पंजीकरण अब सिंगल विंडो सिस्टम के तहत किया गया है, जिससे उन्हें एजेंसियों के चक्कर लगाने की कोई जरूरत नहीं होगी.
कांवड़ शिविरों को मिलेंगी कई सुविधाएं
इस बार कांवड़ शिविरों को कई नई और महत्वपूर्ण सुविधाएं दी गई हैं. प्रत्येक शिविर को 1200 यूनिट बिजली निशुल्क दी जाएगी. इसके अलावा, 24×7 सफाई कर्मचारियों की तैनाती, स्वास्थ्य टीम की उपलब्धता, और टॉयलेट्स की व्यवस्था भी की जाएगी. ट्रैफिक कंट्रोल, बैरिकेडिंग और बॉर्डर पर भव्य स्वागत द्वार भी लगाए जाएंगे.
सरकार ने 50% अनुदान एडवांस में देने का निर्णय लिया है, और अब फंड ट्रांसफर एक बटन दबाकर होगा, जिससे आयोजनकर्ताओं को कोई परेशानी नहीं होगी. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अब आयोजकों को पहले की तरह लम्बे इंतजार के बजाय त्वरित भुगतान मिलेगा.
रामलीला आयोजकों से बातचीत
बैठक में रामलीला आयोजकों की समस्याओं पर भी चर्चा की गई. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यह आश्वासन दिया कि न तो रामभक्तों को और न ही शिवभक्तों को किसी प्रकार की असुविधा होने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि रामलीला मैदान आवंटन, बिजली-पानी की दरें और NOC के मामलों पर जल्दी ही नीति जारी की जाएगी. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार अब पुरानी सरकारों के भ्रष्टाचार से बाहर निकलकर धार्मिक आयोजनों को पूरी ईमानदारी और समर्पण से समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है.
रामलीला आयोजनों को भी मिल सकती है ये सुविधाएं
इस बीच, चांदनी चौक से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने दिल्ली सरकार से यह मांग की है कि जिस तरह कांवड़ यात्रा और हज यात्रियों को मुफ्त में मैदान और बिजली की सुविधाएं दी जाती हैं, उसी तर्ज पर रामलीला आयोजकों को भी यह सुविधाएं दी जाएं. उन्होंने बताया कि दिल्ली में लगभग 500 से अधिक रामलीलाओं का आयोजन होता है, और इनमें से अधिकांश चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र में होती हैं.
सांसद ने 23 मई को रामलीला समितियों की बैठक भी बुलाई थी, जिसमें कई समस्याओं पर चर्चा की गई थी. उन्होंने दिल्ली सरकार से इन समस्याओं का समाधान करने का आग्रह किया है, ताकि धार्मिक आयोजनों को और अधिक सरल और प्रभावी तरीके से आयोजित किया जा सके.
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