दिल्ली में श्रमिकों के लिए खुशखबरी, CM रेखा गुप्ता ने बढ़ाई न्यूनतम मजदूरी

    दिल्ली में काम करने वाले श्रमिकों और छोटे मजदूरों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है. दिल्ली सरकार ने कुशल (Skilled) और अकुशल (Unskilled) श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी बढ़ा दी है, ताकि उन्हें बढ़ती महंगाई से कुछ राहत मिल सके.

    दिल्ली में श्रमिकों के लिए खुशखबरी, CM रेखा गुप्ता ने बढ़ाई न्यूनतम मजदूरी
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    दिल्ली में काम करने वाले श्रमिकों और छोटे मजदूरों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है. दिल्ली सरकार ने कुशल (Skilled) और अकुशल (Unskilled) श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी बढ़ा दी है, ताकि उन्हें बढ़ती महंगाई से कुछ राहत मिल सके. सरकार ने यह फैसला केंद्र सरकार द्वारा तय महंगाई भत्ते की दरों को ध्यान में रखते हुए लिया है.

    कब से लागू होंगी नई मजदूरी दरें?

    नई मजदूरी की ये दरें 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगी. इसका सीधा फायदा निर्माण कार्य, फैक्ट्री, दुकानों और अन्य निजी क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों को मिलेगा. सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अब श्रमिकों को हर महीने ये नई मजदूरी मिलेगी:

    • श्रेणी    पहले की मजदूरी (रु./माह)    अब की मजदूरी (रु./माह)    बढ़ोतरी
    • अकुशल श्रमिक (Unskilled)    ₹18,066    ₹18,456    ₹390 की बढ़ोतरी
    • अर्द्ध-कुशल (Semi-skilled)    ₹19,929    ₹20,371    ₹442 की बढ़ोतरी
    • कुशल (Skilled)    ₹21,917    ₹22,411    ₹494 की बढ़ोतरी
    • मैट्रिक पास नहीं    ₹19,929    ₹20,371    ₹442 की बढ़ोतरी
    • मैट्रिक पास लेकिन ग्रेजुएट नहीं    ₹21,917    ₹22,411    ₹494 की बढ़ोतरी
    • ग्रेजुएट और उससे ऊपर    ₹23,836    ₹24,356    ₹520 की बढ़ोतरी

    किन लोगों को होगा सीधा फायदा?

    इस बढ़ोतरी से उन सभी श्रमिकों को फायदा मिलेगा जो निर्माण स्थलों पर काम करते हैं. फैक्ट्रियों में मजदूरी करते हैं. दुकानों में सहायक के रूप में काम करते हैं. या किसी निजी कंपनी या संस्थान में मेहनत का काम करते हैं. चाहे वे कम पढ़े-लिखे हों या ग्रेजुएट, सभी की मासिक कमाई में इजाफा होगा.

    सरकार का मकसद क्या है?

    दिल्ली सरकार का कहना है कि मजदूरी बढ़ाने का मुख्य उद्देश्य है कि महंगाई के इस दौर में श्रमिकों को राहत देना और उन्हें एक बेहतर जीवन स्तर की तरफ ले जाना. दिल्ली सरकार का यह फैसला छोटे मजदूरों और मेहनतकश लोगों के लिए एक बड़ा सहारा बन सकता है. इससे न सिर्फ उनकी आमदनी बढ़ेगी, बल्कि जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार होगा. हर मेहनतकश को उसकी मेहनत का सही मूल्य मिले – यही इस कदम का मुख्य उद्देश्य है.