Delhi Flood Alert: मानसून का कहर एक बार फिर दिल्ली को घेर रहा है. लगातार हो रही भारी बारिश और ऊपरी क्षेत्रों के बैराजों से छोड़े जा रहे पानी के कारण यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. 1 सितंबर 2025 की सुबह यमुना का स्तर पुराने रेलवे ब्रिज पर 204.95 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान (205.33 मीटर) से महज कुछ इंच दूर है. विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 48 घंटों में यह स्तर और ऊपर चढ़ सकता है, जिससे 2023 जैसी बाढ़ की पुनरावृत्ति हो सकती है. दिल्ली सरकार ने सतर्कता बरतते हुए राहत उपाय शुरू कर दिए हैं, लेकिन शहरवासियों को सावधान रहने की सलाह दी गई है. आइए, इस स्थिति के विभिन्न पहलुओं पर नजर डालें.
बैराजों से पानी छोड़ने का बढ़ता दबाव
हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने की वजह से यमुना का जलस्तर तेजी से उछाल मार रहा है. सुबह 7 बजे 272,000 क्यूसेक, 8 बजे 311,032 क्यूसेक और 9 बजे 329,313 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 48 से 50 घंटों में दिल्ली पहुंचेगा. वजीराबाद बैराज से भी प्रतिघंटा औसतन 38,900 से 51,210 क्यूसेक पानी विसर्जित हो रहा है. यह पानी ऊपरी हिमालयी क्षेत्रों में हुई भारी बारिश का परिणाम है, जहां मानसून ने असामान्य रूप से सक्रियता दिखाई है. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार, यह डिस्चार्ज स्तर चेतावनी से ऊपर है, और यदि बारिश जारी रही तो जलस्तर 206.50 मीटर तक पहुंच सकता है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है.
यमुना का वर्तमान जलस्तर और खतरे की घंटी
दिल्ली में यमुना का खतरे का निशान 205.33 मीटर है, जबकि चेतावनी स्तर 204.50 मीटर. सुबह 11 बजे पुराने रेलवे ब्रिज पर जलस्तर 204.88 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी स्तर पार कर चुका है. अगले 24 से 48 घंटों में यह खतरे के निशान को पार करने की आशंका है. 2023 की बाढ़ में यमुना 208.66 मीटर तक पहुंची थी, जिसने शहर के कई हिस्सों को जलमग्न कर दिया था. वर्तमान में, लोहा पुल के पास नदी का पानी तेज बहाव के साथ उफान मार रहा है, और यदि डिस्चार्ज जारी रहा तो मयूर विहार, यमुना बाजार जैसे इलाकों में जलभराव हो सकता है. प्रशासन ने सभी सेक्टर अधिकारियों को सतर्क रहने और कमजोर बिंदुओं पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं.
प्रशासन की तैयारियां
बढ़ते जलस्तर को देखते हुए दिल्ली प्रशासन ने कमर कस ली है. गुरुवार को मयूर विहार में बाढ़ राहत शिविर स्थापित कर दिए गए हैं, जहां नदी किनारे बसे निवासियों को आश्रय उपलब्ध कराया जाएगा. पुलिस और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के कर्मचारी नदी के दाएं-बाएं तटों पर 24 घंटे गश्त कर रहे हैं. कमजोर बिंदुओं, जैसे रेगुलेटर और पंपों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. यदि जलस्तर 206 मीटर पहुंचा, तो निचले इलाकों से तत्काल निकासी शुरू हो जाएगी. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कमजोर क्षेत्रों का दौरा करने का ऐलान किया है, और सभी एजेंसियों को समन्वित प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं. निवासियों को सलाह दी गई है कि वे अनावश्यक रूप से नदी किनारे न जाएं और अलर्ट पर नजर रखें.
NCR में बारिश का अलर्ट
अगस्त 2025 में दिल्ली-NCR में रिकॉर्ड बारिश हुई, जो 2001 के बाद सबसे अधिक (268.1 मिमी) रही. भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने 1 और 2 सितंबर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें तेज गरज-चमक के साथ मध्यम से भारी बारिश की संभावना है. 3 से 5 सितंबर तक हल्की बारिश या गरज के साथ छिटपुट वर्षा जारी रह सकती है. नोएडा, गुरुग्राम जैसे NCR क्षेत्रों में भी बादल छाए रहेंगे, जिससे जलभराव का खतरा बढ़ेगा. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि मानसून की सक्रियता सितंबर तक जारी रहेगी, जो ऊपरी क्षेत्रों में अतिवृष्टि का कारण बनेगी. इस बारिश ने यमुना के अपवाह क्षेत्र को और प्रभावित किया है, जिससे बाढ़ का जोखिम दोगुना हो गया है.
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