Delhi News: हर साल जब नया शैक्षणिक सत्र शुरू होता है, तो दिल्ली के हज़ारों माता-पिता के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो जाती है और वो प्राइवेट स्कूलों की बढ़ती फीस है. कई बार यह बढ़ोतरी 10% से लेकर 40% तक होती है, जो मध्यमवर्गीय और निम्न आय वर्ग के परिवारों पर भारी बोझ डालती है. अब इस समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने एक अहम कदम उठाया है.
दिल्ली सरकार ने कैबिनेट की हालिया बैठक में दिल्ली स्कूल शिक्षा (शुल्क निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी है. यह प्रस्तावित कानून 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा और इसका मकसद है प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने पर रोक लगाना.
अध्यादेश के जरिये लागू होगा विधेयक
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई आठवीं कैबिनेट बैठक में इस बिल को पास किया गया. बैठक के बाद दिल्ली सरकार के मंत्री आशीष सूद ने जानकारी दी कि यह विधेयक अध्यादेश के ज़रिये लागू किया जाएगा और इसे पहले उपराज्यपाल और फिर राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.
लाखों अभिभावकों को मिलेगी राहत
इस कदम से उन लाखों अभिभावकों को राहत मिलने की उम्मीद है जो वर्षों से स्कूलों की फीस बढ़ोतरी से परेशान हैं. हाल ही में LocalCircles द्वारा किए गए एक सर्वे में 93% माता-पिता ने माना कि सरकारें इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहीं, जिससे स्कूलों को मनमानी करने की पूरी छूट मिलती है.
सर्वे के अनुसार, 44% अभिभावकों ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में उनके बच्चों की फीस में 50% से 80% तक इजाफा हुआ है, जबकि 8% ने बताया कि यह बढ़ोतरी 80% से भी अधिक रही. सरकार का दावा है कि नया कानून फीस निर्धारण की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाएगा और स्कूलों की जवाबदेही तय करेगा. साथ ही, यह भी सुनिश्चित करेगा कि शिक्षा एक व्यापार न बन जाए, बल्कि सभी वर्गों के बच्चों को समान अवसर मिले.
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