नई दिल्ली: देश के उपराष्ट्रपति चुनाव में इस बार राजनीतिक पारा हाई रहा. खास बात यह रही कि विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक को करारी चोट लगी है. चुनाव में कम से कम 20 विपक्षी सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की, जिससे एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को उम्मीद से कहीं ज्यादा वोट मिले. विपक्ष की ताकत दिखाने वाला यह मुकाबला विपक्ष के लिए निराशाजनक साबित हुआ है.
सीपी राधाकृष्णन को मिले 452 वोट
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को कुल 452 वोट मिले, जो एनडीए के सांसदों की कुल संख्या से 25 ज्यादा हैं. वहीं, विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को केवल 300 वोट मिले, जो उनकी संभावित संख्या से भी कम है. विपक्षी दलों की असंगति और मतभेदों का यह साफ संकेत है कि वे अपनी ताकत को पूरी तरह एकजुट नहीं कर पाए.
सांसदों की संख्या और वोटिंग का आंकड़ा
लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर एनडीए के पास कुल 427 सांसद हैं, लेकिन उन्हें 452 वोट मिले, जिससे स्पष्ट होता है कि विपक्ष के कुछ सांसदों ने एनडीए उम्मीदवार को वोट दिया. वहीं, विपक्ष के पास 334 सांसद हैं, लेकिन उनके उम्मीदवार को सिर्फ 300 वोट ही मिले. इस वोटिंग प्रक्रिया में कई वोट अवैध भी घोषित हुए हैं.
क्रॉस वोटिंग पर सस्पेंस
इस चुनाव में विपक्ष के किस सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की, इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है. चूंकि उपराष्ट्रपति चुनाव में किसी भी पार्टी की ओर से व्हिप जारी नहीं किया जाता, इसलिए सांसद स्वतंत्र हैं. इससे पार्टी के लिए क्रॉस वोटिंग रोकना मुश्किल हो जाता है और न ही सांसदों की सदस्यता खतरे में आती है.
राज्यसभा के महासचिव का बयान और चुनाव परिणाम
मतगणना के बाद राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी ने बताया कि सीपी राधाकृष्णन को प्रथम वरीयता के 452 वोट मिले, जबकि विपक्षी उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले. इस मतगणना के साथ ही सीपी राधाकृष्णन को भारत का नया उपराष्ट्रपति चुना गया है.
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